मेरठ, एबीपी गंगा। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने मेरठ कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर किसान विधेयक के विरोध में धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसान विरोधी हैं. जिसके खिलाफ किसान लामबंद हो गए हैं और जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता इसमें संशोधन नहीं किया जाता तब तक किसान इसके खिलाफ आंदोलन करते रहेंगे.


गौरतलब है कि किसान मेरठ कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार इन कृषि विधेयकों को तत्काल वापस ले. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों के हित में नहीं बल्कि उनको खत्म करने वाला है.


किसान विरोधी लग रहा है बिल
किसानों ने कहा कि भले मोदी सरकार लगातार इसे किसान हितैषी बता रही है और विधेयक के जरिए किसानों की आय दुगनी का दावा कर रही है लेकिन उन्हें यह विधेयक किसान हितैषी नहीं लग रहा. यही वजह है कि वह लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अगर सरकार यह विधायक जल्द से जल्द वापस नहीं लेती है तो वह सड़कों पर उतरेंगे, चक्का जाम करेंगे, ट्रेनें रोकेंगे और संसद का घेराव भी कर सकते हैं.


न्यूनतम मूल्य निर्धारित नहीं
एबीपी गंगा ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात की और यह जानने की कोशिश कि आखिरकार इस विधेयक में कौन से ऐसे बिंदु हैं, जो किसान विरोधी हैं. किसानों ने कहा इससे मंडी खत्म हो रही है. जब मंडी नहीं होगी तो उनकी फसलें कहां बिकेगी. वहीं, उनकी फसल का कोई न्यूनतम मूल्य निर्धारित नहीं है. ऐसे में वह अपनी फसल को कितने में बेचेंगे यह भी निश्चित नहीं है. ऐसे तमाम बिंदु हैं, जो किसान विरोधी हैं और यही वजह है कि हम इन बिंदुओं के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.


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