बरेली: कोरोना संक्रमण को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टीम देश में अलग-अलग स्थानों पर सर्वे का काम कर रही है. बरेली में भी आईसीएमआर की एक 16 सदस्यीय टीम ने यहां थर्ड स्टेज ज़ीरो सर्विलांस के लिए सर्वे किया है. ये टीमें तीन दिन तक बरेली में रहीं और अब यहां से 100 स्वास्थ्य कर्मियों समेत कुल 500 ब्लड सैंपल कलेक्ट किए गए हैं.
एंटीबॉडी व इम्युनिटी लेवल परखने के लिए सर्वे
दरअसल कोरोना का जिले में कितना असर हुआ यही परखने के लिए ICMR के विशेषज्ञों ने अलग-अलग शहरों में अलग-अलग स्थानों पर एंटीबॉडी और इम्युनिटी लेवल परखने के लिए थर्ड फेज में टीम सर्वे का कार्य कर रही है. गौरतलब है कि बरेली में भी सोमवार को 16 सदस्य एक टीम पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने शहरी इलाकों के साथ साथ ही देहात के लोगों से भी रक्त के नमूने लिए हैं. कोरोना संक्रमितों के एंटीबॉडी लेवल से लेकर इम्युनिटी लेवल को टीम ने यहां परखा है. साथ ही सामान्य जनों के भी सैंपल जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से लिए गए हैं.
इस तरह आईसीएमआर के सीरो सर्विलांस में उन इलाकों को प्राथमिकता दी गई है, जहां पर कोरोना संक्रमितों की दर अधिक रही है. टीम लीडर डॉ गणेश मेहता ने बताया कि जब जांच रिपोर्ट आएगी तो उससे अंदाजा लगाया जा सकेगा कितने लोगों में एंटीबॉडी और इम्युनिटी लेवल का कितना प्रतिशत है. इसका आंकलन किया जा सकेगा, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जो सैंपल लिए गए हैं उन्हें पहले आगरा और उसके बाद चेन्नई लैब भेजा जाएगा.
500 ब्लड नमूने लिये गये
हम आपको बता दें कि जिले में वायरस की स्थिति का वास्तविक आंकलन करने के लिए लोगों का इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी का स्तर पता करने की जिम्मेदारी आईसीएमआर ने तीसरे चरण में आगरा की नेशनल जालमा इंस्टीट्यूट फॉर लेप्रोसी एंड अदर माइक्रो बैक्टीरियल डिजीज(NJIL & OMD) को सर्वे की जिम्मेदारी दी थी. इस टीम में कुल 16 विशेषज्ञ हैं. तीन दिन में कुल 500 ब्लड नमूने टीम के द्वारा लिए गए. डॉक्टर गणेश ने बताया कि पिछले चरण में करीब तीन माह पूर्व भी कोरोना की दर का आंकलन करने के लिए बरेली से 400 ब्लड सैम्पल्स कलेक्ट किये गए थे.
वहीं उन्होंने बताया कि इस बार 100 सैंपल तो स्वास्थय कर्मचारियों चिकित्सकों के भी लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि करीब दस से 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट संभवत: प्राप्त हो जाएगी, जिससे ये आंकलन किया जा सकेगा कि जिन्हें पूर्व में कोरोना हुआ, उनकी एंटीबॉडी का क्या स्तर है और उनकी इम्युनिटी प्रतिशत क्या है? साथ ही जो लोग अधिक समय तक स्वास्थ्य सेवाओं के जरिये इस महामारी के काल में अपनी सेवाएं देते रहे हैं उनका इम्युनिटी सिस्टम में क्या बदलाव है.
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