लखनऊ, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन बिल (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों से बच्चों को दूर रखा जाएं, अगर ऐसा नहीं होता है, तो बच्चों के अभिभावकों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकता है। सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन या फिर किसी भी अन्य हिंसक प्रदर्शन में बच्चे शामिल होते हैं, तो बाल संरक्षण कानून के तहत उनके अभिभावकों पर कार्रवाई होगी। बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई है। इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसे अभिभावकों पर भी कार्रवाई करने की बात रही हैं, जो प्रदर्शनों में बच्चों को लेकर पहुंचते हैं।
इसको लेकर सोमवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीजीपी को पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि बच्चों के हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने पर अभिभावकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ हो रहे धरना प्रदर्शन में महिलाओं द्वारा बच्चों को शामिल किया जा रहा है। सीएए की अधूरी जानकारी देकर मासूमों के मन में हिंसा का जहर घोला जा रहा है। पत्र में कहा गया कि डीजीपी पुलिसकर्मियों को निर्देशित करके बाल संरक्षण अधिनियम के बारे में अभिभावकों को बताएं।
डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने ये भी कहा कि जानबूझकर बच्चों के मानसिक विकास पर प्रदर्शन का वार किया जा रहा है, जो कि जेजे ऐक्ट का उल्लंघन है। बाल संरक्षण कानून इस बात की बिल्कुल भी इजाजत नहीं देता है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को प्रदर्शन से दूर रखें। ऐसा नहीं किया गया तो, जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें:
लखनऊ: CAA प्रदर्शन में शामिल होने घंटाघर गईं थीं अखिलेश की बेटी टीना यादव, वायरल फोटो से सियासत गर्म
Uttar Pradesh LIVE News Updates : CAA पर बवाल जारी समेत पढ़ें प्रदेश की हर छोटी-बड़ी खबर का अपडेट