देहरादून: कोरोना वायरस महामारी के बीच देव भूमि उत्तराखंड में घूमने की सोच रहे हैं तो ये खबर ध्यान से पढ़ लें. दरअसल चार दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आदेश दिया कि अगर चार दिन के लिए कोई पर्यटक उत्तराखंड आ रहा है तो उसे कोरोना वायरस टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल उलट है.
राज्य की राजधानी देहरादून में अगर पर्यटक आ रहे हैं तो प्रशाशन उनसे कोरोना रिपोर्ट मांग रहा है. अगर किसी के पास कोरोना रिपोर्ट नहीं है तो उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है या बॉर्डर से वापस भेजा जा रहा है. इतना ही नहीं अगर आप जैसे तैसे मशहूर पर्यटक स्थल मसूरी या धनोल्टी चले गए हैं तो बिना कोरोना रिपोर्ट के होटल में रूम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में एक बात साफ है कि स्थानीय प्रशासन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश का पालन नहीं कर रहा है.
एबीपी न्यूज़ ने मसूरी घूमने आए कई लोगों से बात की, जिनको होटल नहीं मिलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां घूमने आये एक पर्यटक सौरभ कुमार ने बताया, "सीएम रावत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अब चार दिन के लिए पर्यटक बिना कोरोना की रिपोर्ट के राज्य में घूमने आ सकते हैं. इसलिए मैंने अपनी कोरोना जांच नहीं कराई, लेकिन अब जब मैं मसूरी पंहुच गया हूं तो मुझे बिना कोरोना की रिपोर्ट के होटल नहीं मिल रहा."
सौरभ ने आगे कहा, "मेरी सीएम रावत से विनती है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें, ताकि मेरी तरह यह घूमने आए बाकी पर्यटक परेशान ना हों"
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्या कहा था?
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था, "अगर चार दिन के लिए कोई पर्यटक उत्तराखंड आ रहा है तो उसे कोरोना वायरस टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है." उन्होंने इस बारे में सभी अधिकारियों की आदेश दे दिए थे.
बता दें कि सीएम रावत के इस आदेश के बाद अधिकारियों को साफ कह दिया गया था कि जो लोग उत्तराखंड आना चाहते हैं, उन्हें आने दें और उनका स्वागत करें.
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