ग्रेटर नोएडा, एबीपी गंगा। आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर का आगाज 16 अक्टूबर से ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट में होगा। 20 अक्टूबर तक चलने वाले फेयर में दुनिया भर से इंपोर्टर्स और बड़े घरेलू खुदरा खरीददार शामिल होंगे। इंडिया एक्स्पो सेंटर एण्ड मार्ट में एक लाख 97 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में 5 दिन तक होने वाले आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर के दौरान देशभर से आए 3200 से अधिक हस्तशिल्प निर्यातक होम, लाइफ स्टाइल, फैशन, फर्नीचर एवं टेक्सटाइल्स जैसी 14 उत्पाद श्रेणियों और 300 से अधिक ट्रेंड्स के 2000 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित करेंगे।



ईपीसीएच के महानिदेशक ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए शाश्वत विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से ईपीसीएच इस बार शो में रिफ्यूज, रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल पर फोकस कर रहा है। प्लास्टिक, धातु, लकड़ी, फैब्रिक की बेकार वस्तुओं का इस्तेमाल शो में सजावट और आकर्षण बढ़ाने के लिए किया गया है। इसके साथ ही प्लास्टिक का उपयोग घटाने के लिए ईपीसीएच ने इस बार बोतल बन्द पानी का इस्तेमाल करने के बजाय धातु की बनी पानी की बोतलों का उपयोग करने का निश्चय किया है।


दिल्ली फेयर में 110 से अधिक देशों से खरीददार और मेहमान शिरकत करेंगे। राकेश कुमार ने बताया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के थीम-आधारित डिस्प्ले इस शो का खास आकर्षण बन चुके हैं। इस संस्करण में भी इन राज्यों के 20 से अधिक शिल्पकार अपने उत्पाद प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में बेंत, बांस, लकड़ी, सिल्क, क्ले और प्राकृतिक रेशे जैसे प्राकृतिक कच्चे माल की बहुतायत है। ईपीसीएच के सतत प्रयासों से उत्तर पूर्वी राज्यों के निर्यात में वृद्धि हुई है और यह वर्ष 2017-18 में 1075.74 करोड़ रुपये से 23.05 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2018-19 में 1323.39 करोड़ रुपये हो गया है।


इस बार जम्मू एवं कश्मीर के 20 से अधिक हस्तशिल्पी अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। शो में पहली बार भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित आखिरी गांव माना के 10 शिल्पकार अपने कार्पेट्स, शॉल्स, वूलन गारमेंट्स, कुशन कवर आदि क्षेत्रीय उत्पाद प्रदर्शित करेंगे। विभिन्न क्राफ्ट क्लस्टर में शिल्पकारों के कौशल विकास में ईपीसीएच के अनुभव को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कम्पनी ओएनजीसी ने अपनी सीएसआर पहल के अंतर्गत ईपीसीएच को डिजाइन से जुड़े इनपुट प्रदान करने का जिम्मा सौंपा। ईपीसीएच के डीजी ने बताया कि वर्ष 2018-19 में हैंडीक्राफ्ट निर्यात 26,590.25 करोड़ रुपये था। अप्रैल से सितम्बर 2019 की पहली छमाही में हैंडीक्राफ्ट निर्यात 12543.07 करोड़ (अनुमानित) है, जो गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में 2.11 प्रतिशत अधिक है।