IIT BHU Molestation Case: काशी हिंदू विश्वविद्यालय आईआईटी में छात्रों का आंदोलन खत्म हो गया है. प्रदर्शनकारी छात्र पिछले 12 घंटों से धरने पर बैठे थे. मामला एक छात्रा से छेड़खानी का था. बुधवार देर रात घटना के विरोध में हजारों छात्र धरने पर बैठ गए. प्रदर्शनकारी छात्रों ने निदेशक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर राजपूताना हॉस्टल के बाहर नाराज छात्रों का झुंड पहुंचा और लंका थाने में तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. आंदोलन की आंच डायरेक्टर दफ्तर तक भी पहुंच गई. डायरेक्टर ऑफिस के सामने छात्रों ने प्रदर्शन किया. डायरेक्टर से मुलाकात की जिद पर अड़े छात्रों ने जमकर नारेबाजी की.


आईआईटी प्रशासन की आंदोलनकारियों से बातचीत


प्रदर्शनकारी छात्र डायरेक्टर से मुलाकात कर सुरक्षा की गारंटी चाहते थे. छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में सियासत भी शुरू हो गई. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन मिला. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में सरकार के खिलाफ निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने लिखा- क्या अब बीएचयू-परिसर और IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी सुरक्षित नहीं हैं? प्रधानमंत्री जी के निर्वाचन-क्षेत्र में एक छात्रा का अपने ही शिक्षण-संस्थान के भीतर निर्भय होकर पैदल चलना क्या अब संभव नहीं रहा? धिक्कार है.


कैंपस में बाहरी तत्वों की एंट्री को बैन कर दिया गया


मामले ने तूल पकड़ने के बाद आईआईटी प्रशासन ने आंदोलन छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया. बातचीत में छात्रों ने कैंपस में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. आखिरकार आईआईटी प्रशासन को आंदोलकारी छात्रों की बात माननी पड़ी. सहमति बन जाने के बाद छात्रों ने धरना प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा की. छात्रों ने प्रशासन के सामने 7 सूत्रीय मांग रखी थी. आईआईटी कैंपस को अलग करने का भी प्रशासन के सामने मुद्दा उठाया गया. आईआईटी प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों से सहमति जताई. समझौते के मुताबिक आईआईटी कैंपस में बाहरी तत्वों की एंट्री को बैन कर दिया गया है. 


ICC World Cup 2023: भारत की जीत से अखिलेश यादव गदगद, बोले- 'इंडिया ने जो हाल किया श्रीलंका का, वही PDA कर देगा BJP...'