(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
79 साल की उम्र में IIT में लिया दाखिला, मिल चुका है पद्मश्री, कौन हैं यह महिला?
UP News: डॉक्टर सरोज अब कानपुर आईआईटी में ही रहकर पढ़ाई करेंगी और अपने अधूरे शोध को पूरा करेंगी. डॉक्टर सरोज को पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है. वर्ष 2013 में इन्हें पद्मश्री अवार्ड दिया गया था.
IIT Kanpur News: पद्मश्री अवॉर्ड से पुरस्कृत डॉक्टर पद्मश्री डॉ. सरोज चूड़ामणि गोपाल (Saroj Chooramani Gopal) आईआईटी कानपुर में बतौर छात्र करेंगी पढ़ाई, आईआईटी इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब इतनी ज्यादा उम्र में कोई दाखिला लेकर पीएचडी करने आ रहा है, डॉक्टर सरोज ने 12 साल पहले शुरू की अपनी एक शोध को बीच में ही अधूरा छोड़ दिया था. लेकिन अब वो फिर से अपने शोध को पूरा करने के लिए शिक्षा के मैदान में वापस कदम रख दिया है.
वहीं आईआईटी कानपुर में दाखिला लेना वाली महिला डॉक्टर सरोज सबसे ज्यादा उम्र की महिला होंगी जो बतौर छात्र होंगी. डॉक्टर सरोज के जेएनयू में भी पहले सेवाएं दे चुकी है और उस वक्त उन्होंने स्पाइनल कॉर्ड इंजरी पर काम करना शुरू किया था. लेकिन पूरी सफलता न मिलने के चलते उन्होंने दोबारा इस विषय पर शोध करने की ठान ली और आईआईटी कानपुर में दाखिला देकर पढ़ाई करने का मन बना लिया है.
2013 में इन्हें दिया गया था पद्मश्री अवार्ड
डॉक्टर सरोज अब कानपुर आईआईटी में ही रहकर पढ़ाई करेंगी और अपने अधूरे शोध को पूरा करेंगी. डॉक्टर सरोज को पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है. वर्ष 2013 में इन्हें पद्मश्री अवार्ड दिया गया था. वहीं प्रोफेसर अशोक इनकी इस बात से प्रभावित हो कर उन्हे कानपुर आईआईटी में दाखिला लेकर पढ़ाई करने की उम्मीद भी जताई. जिसे सरोज ने मानकर अपना एकदम आगे बढ़ा दिया. वहीं कैंपस में पढ़ाई कर रहे अन्य छात्रों के लिए डॉक्टर सरोज गोपाल चूड़ामणि एक बड़ा उदाहरण बन रही है. वहां के छात्र उत्साहित भी है की अब वो उनके साथ और उनके बीच रहकर कुछ सीख सकेंगे.
आईआईटी के प्रोफेसर ने क्या बताया
वहीं इस अनोखे दाखिले को लेकर प्रोफेसर अशोक ने डॉक्टर सरोज से चर्चा की ओर फिर वे यहां से पीएचडी करने को तैयार हो गईं. प्रोफेसर अशोक इस कदम के लिए विशेष योगदान रखते हैं. आईआईटी प्रबंधन की ओर से डॉक्टर सरोज के इस कदम को अहम माना जा रहा है.
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