(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus Update: IIT कानपुर का दावा, तीसरी लहर का बच्चों पर नहीं पड़ेगा कोई विशेष असर, बताई ये वजह
Kanpur IIT Report on Coronavirus: कोरोना की तीसरी लहर को कई रिपोर्ट सामने आई हैं. इस बीच आईआईटी कानपुर ने दावा किया है कि, तीसरी लहर का बच्चों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा.
Kanpur IIT Report on Coronavirus: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. इस बीच कानपुर आईआईटी(Kanpur IIT) के वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर मनिंद्र अग्रवाल (Manind Agarwal) ने दावा कर दिया है कि, महामारी की तीसरी संभावित लहर का बच्चों पर असर बेहद कम रहेगा. प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने इसके पीछे अपनी स्टडी में दो कारण बताएं हैं. पहला कारण बताते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने दावा किया है कि, अभी तक यह देखा गया है कि बच्चों में जो संक्रमण सामने आया है वह बहुत हल्का है. जो उनपर ज्यादा असर नहीं करता. इसके पीछे उन्होंने सीरो सर्वे (Sero Survey) के नतीजों का हवाला दिया है. उनका कहना है कि बच्चों में इम्यूनिटी (Immunity) काफी अच्छी होती है. दूसरा कारण ये बताया गया है कि, इम्यूनिटी का स्तर काफी अच्छा होता है.
बच्चों पर विशेष असर नहीं
विशेष रूप से जिस परिवार में बड़े बुजुर्गों का टीकाकरण हो चुका है और परिवार के बच्चे कोमोरबिड नहीं हैं तो उनको चिंता करने की बात नहीं. उनके बच्चे संक्रमित तो होंगे लेकिन ये परिवार में नहीं फैलेगा. दूसरा बच्चों पर इसका कोई विशेष असर नहीं होगा. इसके आगे बढ़ते हुए प्रोफेसर ने उत्तर भारत के राज्यों के स्कूल खोलने के कदम को भी सही बताया है. दावा किया गया है कि जिन जगहों पर इम्यूनिटी लेवल काफी ज्यादा बढ़ चुका है, जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश बिहार, राजस्थान यहां स्कूल खोलने में फिलहाल कोई दिक्कत नहीं दिखती.
तीसरी लहर कब तक आएगी..
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने सितंबर महीने में कोरोना की तीसरी वेव का दावा करने वाली रिपोर्ट का भी अध्यन किया है. प्रोफेसर की माने तो उस रिपोर्ट का अध्ययन करने पर पता चलता है कि, उसमे ऐसा कुछ अलार्मिंग नहीं है जैसा कहा जा रहा है. इस रिपोर्ट में भी अनुमान लगाया गया है कि भविष्य में अगर ऐसा होता है तो कैसा होगा. उन्होंने अनुमान लगाया है कि, अगर टीकाकरण की रफ्तार शुरुआती दौर की तरह धीमी होगी तो सितंबर में कोरोना की तीसरी वेव भी आ जाएगी. उनकी रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि, अगर जिस रफ्तार से टीकाकरण बढ़ाया जा रहा है, वैसा ही चलता रहा तो थर्ड वेव में सेकंड वेव के आधे कोरोना संक्रमित सामने आएंगे. इस मामले में प्रोफेसर अग्रवाल और उस रिपोर्ट का आकलन लगभग मिलता-जुलता दिखता है.
नये वैरियंट पर निर्भर
प्रोफ़ेसर अग्रवाल की माने तो, कोरोना की स्थिति को लेकर उन्होंने एक महीने पहले आकलन पेश किया था. आकलन करते हुए अनुमान लगाकर बताया गया था कि, अगस्त के अंत तक सब जगह से लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. तब हमारा आंकलन बता रहा था कि धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ना शुरू होगी जो अक्टूबर तक बढ़ते हुए अपने उच्चतम स्तर तक जाएगी, जो संख्या बहुत अधिक नहीं होगी. दूसरा हमारा अनुमान यह था कि, अगर कोई नया म्युटेंट आता है जो डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक होता है, तब थोड़ी संख्या तेजी से बढ़ेगी. लेकिन अक्टूबर महीने में उच्चतम स्तर पर ही होगी और संख्या करीब डेढ़ लाख प्रतिदिन संक्रमितों की सामने आएगी. अगस्त के महीने में दोनों ही अनुमान सही साबित नहीं हुए. सभी जगह से लॉकडाउन नहीं हटाया गया है और कोई नया वेरिएंट कोरोना का नहीं दिख रहा है. तो इसलिए हम पुनः आकलन कर रहे हैं और अनुमान को एक महीने आगे बढ़ा रहे हैं कि, सितंबर महीने में सभी जगह से लॉकडाउन हटाया जाएगा और सितंबर महीने में अगर कोई कोरोना का नया म्यूटेंट आ जाता है तो क्या होगा, इस आधार पर हमारा अनुमान लगभग वैसा ही है जैसा पहले बताया गया था. बस 1 महीने का शिफ्ट हो गया है.
नवंबर में पीक पर हो सकती है लहर
अक्टूबर की जगह अब नवंबर में कोरोना का संक्रमण अधिकतम स्तर तक पहुंचने की संभावना है, अगर कोई नया म्युटेंट नहीं आता है तो अधिकतम स्तर बहुत ज्यादा संक्रमितों की संख्या वाला नहीं होगा. 40 से 50,000 इंफेक्शन तक जाएगा. अगर कोई नया म्युटेंट आता है तो संक्रमित की संख्या एक डेढ़ लाख तक पहुंच सकती है.
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