Kanpur News Today: आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक ने देश की सुरक्षा में एक और अभेद्य हथियार तैयार किया है. आईआईटी कानपुर में एक ऐसा ड्रॉन लॉन्चर तैयार किया गया है जो सौ किलोमीटर तक के टारगेट को ध्वस्त कर सकता है. खास बात ये है कि ये स्वचालित है.
यह स्वचालित ड्रोन लॉन्चर महज एक बटन से ऑपरेट होगा, जो जीपीएस से लैस है. यह खास ड्रोन सेट सौ किलोमीटर के दायरे में अपने टारगेट को तलाश कर ध्वस्त कर देगा. यह देश के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों से लड़ने में बहुत सहायक होगा.
30 लोगों की टीम ने किया तैयार
कानपुर आईआईटी अक्सर अपने नए नवाचारों के लिए जाना जाता है, जिसने देश और प्रदेश के विकास में महती भूमिका निभाई है. इसी कड़ी में आईआईटी में रिसर्च कर रहे 30 लोगों की टीम ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया है, जो भारत की सुरक्षा में अभेद्य कर देगा.
दरअसल, आईआईटी के डॉक्टर सुब्रह्मण्यम सड़रेला ने अपनी तीस लोगों की एक टीम के साथ पिछले तीन साल से एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. उनकी टीम को अब इसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली है. डॉक्टर सुब्रह्मण्यम और उनकी टीम ने इस नवाचार के तहत ऐसे ड्रोन लॉन्चर को तैयार किया है जो जीपीएस और फुल एचडी कैमरों से लैस है.
रक्षामंत्री ने की थी सराहना
यह ड्रोन लॉन्चर बिना मैनुअली मॉनिटरिंग के संचालित होकर दुश्मन के खेमे में तबाही मचा सकता है. हाल ही में कानपुर में लगी डिफेंस एक्सपो में इस आविष्कार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सामने पेश किया गया था. इसकी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी खूब सराहना की थी और इसे भारतीय सेना के लिए वरदान बताया था. अब यह ड्रोन लॉन्चर तैयार हो गया है.
कैसे करेगा काम?
इसे बनाने वाले डॉ सुब्रह्मण्यम सड़रेला ने बताया कि ये डिफेंस क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित होगा, क्योंकि इस ड्रोन लॉन्चर की कई खासियत है. जिससे यह इसको खास बनाता है. यह सुसाइड ड्रोन लॉन्चर के रूप में काम करेगा.
डॉ सुब्रह्मण्यम सड़रेला ने बताया कि अगर दुश्मन का सेना की जद से दूर है तो उसकी लोकेशन को मैप पर सेट कर इसे रवाना कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इसको रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. ये सौ किलोमीटर की क्षमता में सेट किए गए टारगेट को खोजकर उसे तबाह कर देगा.
दुश्मन को ढूंढ कर करेगा हमला
कानपुर आईआईटी में तैयार ड्रोन लॉन्चर सौ किलोमीटर की मारक क्षमता से लैस है. ऐसे में अगर टारगेट अपनी लोकेशन बदलता है तो भी ये उसे भेदने में सक्षम है, बशर्ते उसकी रेंज सौ किलोमीटर के अंदर होनी चाहिए.
ड्रोन लॉन्चर के मैप को देखर अगर लगता है कि ये अपने टारगेट तक नहीं पहुंच पा रहा है या फिर टारगेट रेंज से बाहर हो गया है, तो इसे रिमोट कंट्रोल के जरिये वापस रोका जा सकता है. जिसके बाद ये दोबारा अपनी जगह पर वापस लौट आएगा.
आईआईटी में तैयार इस खास ड्रोन को अगले 6 से 8 महीने के बीच सेना के पास भेजा जाएगा. इसकी मांग के आधार पर इसको तैयार किया जाएगा, फिलहाल इसकी सप्लाई सिर्फ देश में ही करने की योजना है.
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