IIT कानपुर ने बनाया हल्के वजन वाला सर्विलांस UAV, 4 घंटे तक उड़ने में सक्षम
आईआईटी कानपुर को हल्के वजन वाला सर्विलांस UAV बनाने में बड़ी कामयाबी मिली है. यह लाइटवेट हेलीकॉप्टर 7 किलोग्राम तक की भारी वस्तु को 50 किलोमीटर तक लेकर जा सकता है. इसके उड़ने और उतरने का तरीका बिल्कुल बड़े हेलीकॉप्टर की तरह ही है.
लखनऊः बर्फीले और दुर्गम पहाड़ों पर छिपे देश के दुश्मनों को तलाशना अब मुश्किल नहीं होगा. यह सब आईआईटी के स्टार्टअप इंड्योर एयर के हेलीकॉप्टर यानी UAV की मदद से आसान होगा. किसी भी कठिन मिशन को यह आसानी से पूरा कर सकेगा. सेना को ध्यान में रखकर बनाए गए हेलीकॉप्टर का प्रयोग मेडिकल किट पहुंचाने और रेस्क्यू में भी किया जा सकता है.
IIT कानपुर ने बनाया लाइटवेट सर्विलांस UAV
आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा लाइटवेट सर्विलांस UAV बनाया है जो देश के दुश्मनों पर नजर रखने के साथ आग लगने और अन्य आपदा के समय जान बचाने के काम आएगा. आईआईटी का लाइटवेट हेलीकॉप्टर विभ्रम 7 किलोग्राम तक की भारी वस्तु को 50 किलोमीटर तक लेकर जा सकता है. विभ्रम के उड़ने और उतरने का तरीका बिल्कुल बड़े हेलीकॉप्टर की तरह ही है. यह अपनी कैटेगरी में देश विदेश में मौजूद हेलीकॉप्टरों में सबसे अधिक समय तक यानी 4 घंटे तक उड़ान भरने की काबिलियत रखता है.
घटनाओं पर नजर रखने में होगी आसानी
दुर्गम इलाकों में कोरोना वैक्सीन जैसी मेडिसिन पहुंचानी हो या फिर 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में हुए हंगामे की घटनाओं पर नजर रखना हो विभ्रम इन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में सक्षम है. यह लाइटवेट हेलीकॉप्टर सेना के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. हेलीकॉप्टर की खासियत और तकनीक पर इसे बनाने वाले प्रोफेसर अभिषेक इसे यूनिक बताते हैं.
लिडार तकनीक से लैस
आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. अभिषेक की देखरेख में इसे तैयार किया गया है. अभिषेक के मुताबिक डिजाइन भी सेना को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसमें मेडिकल किट बॉक्स के साथ सीबीआरएनई सेंसर, लिडार तकनीक के अलावा कई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग हुआ है. लिडार तकनीक के माध्यम से पहाड़, नदी या पेड़ होने के बावजूद व जमीन की हकीकत को जान सकेगा.
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