(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: क्या कोरोना की चौथी लहर आने वाली है? IIT कानपुर के प्रोफेसर ने किया बड़ा दावा
IIT Kanpur News: पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में आई तेजी के बाद लोग चौथी लहर को लेकर डरे हुए हैं, लेकिन आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने इसे लेकर बड़ा दावा किया है.
IIT Kanpur News: देश के कई राज्यों में पिछले कुछ समय में लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसे में कई लोगों के मन में ये आशंका है कि कहीं ये चौथी लहर की दस्तक तो नहीं है. कहीं ऐसा तो नहीं कि देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाना पड़े. इन तमाम कयासों के बीच आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने राहत भरी खबर दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रतिबंध हटाने की वजह से ये मामले देखने को मिल रहे हैं. भारत में चौथी लहर की संभावना नहीं है क्योंकि यहां लोगों में वायरस के खिलाफ 90 फीसद प्राकृतिक एम्युनिटी बन चुकी है.
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का दावा
दरअसल, आईआईटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल पिछले दो सालों से अपने गणितीय सूत्र के हिसाब से कोरोना को लेकर भविष्यवाणियां करते आए हैं जो अक्सर सही साबित हुई है. उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार कोरोना के मामले 100 से ऊपर बने हुए हैं. रविवार को भी यूपी में 135 नए केस सामने आए, जिसके साथ प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 610 तक पहुंच गई है. प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि लोगों में इस वायरस के खिलाफ 90 फीसद रोग प्रतिरोधक क्षमता बन चुकी है जो अब नए वैरियंट को फैलने का और मौका नहीं देगी.
नहीं आएगी कोरोना की चौथी लहर
प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर वायरस का असर देखने को मिला और उसके खिलाफ तेजी से टीकाकरण किया गया जिससे हर्ड इम्युनिटी डेवलप करने में मदद मिली. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के मुताबिक देशभर में रविवार सुबह तक 186.51 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं. यूपी की बात करें तो यहां पर 86 प्रतिशत वयस्क लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकीं हैं. वैक्सीन देने के मामले में यूपी नंबर वन राज्य है. प्रोफेसर ने कहा कि यही वजह है कि लोगों को हॉस्पिटल जाने की भी जरुरत नहीं पड़ रही है.
आपको बता दें कि इससे पहले भी प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर को लेकर दावे कर चुके हैं. उन्होंने इन लहरों को लेकर अब तक जितने दावे किए वो लगभग सटीक साबित हुए हैं.
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