आगरा,नितिन उपाध्याय। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ भ्रष्टाचार को लेकर पूरी तरह सख्त हैं, तो वहीं उन्हीं के राज में आगरा में आबकारी विभाग में अधिकारियों ने लूट मचा रखी है। यही वजह है आगरा जिले में दर्जनों अवैध बार संचालित हैं, ये वो बार हैं जिनके पास आबकारी विभाग से लाइसेंस नहीं है, और आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे हैं। साथ ही सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लग रहे हैं।


शहर में कई ऐसे बार हैं, जो अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे हैं और इन पर कार्रवाई करने का ज़िम्मा जिस आबकारी विभाग पर है, वह कुम्भकर्णी नींद सोया हुआ है। दरसअल आगरा जो एक इंटरनेशनल शहर है, यहां आबकारी विभाग से 81 बारों को लाइसेंस जारी किया गया है, जो सालाना करीब 9 लाख रुपये के हिसाब से राजस्व जमा कराते हैं।।लेकिन शहर में चल रहे सैकड़ों अवैध बार राजस्व को चूना लगा लोगों को शराब पिला रहे हैं। जो रेस्टॉरेंट या कैफे की आड़ में बार चला रहे है और बेखौफ होकर लोगों को गैरकानूनी तरीके से शराब पिला रहे हैं, उसके साथ ही नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बाकायदा मेन्यू कार्ड भी छपवा रखे हैं।


आगरा में संचालित इन अवैध बार से करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि सरकार को रही है, जबकि आबकारी विभाग उन विभागों में आता है, जहां से सर्वाधिक राजस्व सरकार को मिलता है। लेकिन जब इसको लेकर जिला आबकारी अधिकारी नीरेश पालिया से पूछा तो उनके चेहरे पर दिखी हड़बड़ाहट बताती है कि किस तरह से उनको सारी बात की जानकारी होते हुए भी वो अनजान बने हुए हैं।


इस पूरे मामले के सामने आने के बाद जबरदस्त हड़कंप मच गया है, आगरा मण्डलायुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी आगरा एन जी रवि कुमार ने प्रमुख सचिव आबकारी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें आबकारी विभाग में फैले गोरखधंधे की जांच शासन से कराने की मांग की है। ऐसे में सवाल उठता है कि एबीपी गंगा ने जब मामला उठाया, तो अधिकारियों में हड़कंप है, लेकिन अब देखना होगा कि योगीराज में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होती है या नहीं।