कानपुर में पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार का किया भंडाफोड़, चार आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच और कानपुर पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अवैध तरीके से शराब बना रहा था. शराब प्रदेश के कई हिस्सों में सप्लाई की जा रही थी.
kanpur Illegal liquor Factory Busted: कानपुर में पुलिस ने फैक्ट्री की आड़ में चल रहे अवैध शराब के कारोबार का भंडाफोड़ कर दिया है. पनकी थाना क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री में अवैध शराब का कारोबार चल रहा था. पुलिस ने यहां पर छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब बरामद की है. पुलिस को मौके से बड़े पैमाने पर शराब की शीशी, ढक्कन पर और क्यूआर कोड भी बरामद हुए हैं. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य लोगों की तलाश जारी है. खास बात ये है कि यहां पर तैयार की जा रही शराब प्रदेश के कई हिस्सों में सप्लाई की जा रही थी.
चार आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच और कानपुर पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अवैध तरीके से शराब बना रहा था. पुलिस की मानें तो 4 आरोपियों के गिरोह ने अवैध शराब सप्लाई में पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ डाले. ढाई साल से काम कर रहे इस गिरोह ने शहर और आसपास के जिलों में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक शराब की सप्लाई कर दी. क्राइम ब्रांच ने नौबस्ता बर्रा और पनकी पुलिस की मदद से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके कुछ और साथियों के बारे में पुलिस को सूचना मिली है, जिनकी तलाश जारी है.
15सौ लीटर अवैध शराब बरामद
दरअसल पनकी थाना क्षेत्र में एस के इंटरप्राइजेज नाम से देशी शराब की बोतल और ढक्कन बनाने की फैक्ट्री चल रही थी. इस फैक्ट्री का संचालन बर्रा 2 निवासी अनुज वर्मा उर्फ श्रीकांत कर रहा था. फैक्ट्री की आड़ में पिछले ढाई साल से प्रतिदिन 16000 बोतल शराब अनधिकृत रूप से बनाई जा रही थी. क्राइम ब्रांच टीम ने छापेमारी कर मौके से फैक्ट्री संचालक अनुज वर्मा, मिश्री बाजार निवासी मोहम्मद जाकिर नौबस्ता निवासी राजू गुप्ता और छिबरामऊ निवासी मोहम्मद शान को गिरफ्तार किया है. पुलिस को मौके से 15सौ लीटर अवैध शराब भी बरामद हुई है.
सब करते थे अलग-अलग काम
पुलिस पूछताछ में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक फैक्ट्री में 200 लीटर इथाइल अल्कोहल 28000 में खरीदा जाता था. जिसे पानी मिलाकर लगभग 600 लीटर बना दिया जाता था. इस हिसाब से 1 लीटर शराब को 50 रुपये में तैयार कर लिया जाता था जिसको 5 क्वार्टर में भरकर 110 रुपये प्रति क्वार्टर बेचा जाता था. फैक्ट्री में काम करने वाले सभी आरोपियों के काम बंटे हुए थे. फैक्ट्री मालिक अवैध शराब और सामग्री का ठेका लेता था राजू गुप्ता ने सप्लाई का काम पकड़ रखा था. वहीं, मोहम्मद जाकिर दिल्ली से क्यूआर कोड लेकर आता था और मोहम्मद शान खाली बोतलों में नकली सामान भरता था.
कई जिलों में होती थी सप्लाई
एस के इंटरप्राइजेज का बरेली की एक कंपनी से देसी शराब की 2000 बोतलें ढक्कन और क्यूआर कोड प्रतिदिन बनाने का एग्रीमेंट था. लेकिन, फैक्ट्री संचालक इसकी आड़ में प्रदेश के 20 जिलों में शराब की अवैध खाली बोतलें अन्य उपकरण सप्लाई कर रहे थे. ये सप्लाई मैनपुरी, बलरामपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, बाराबंकी, आगरा, गोंडा, फतेहपुर, उन्नाव, अलीगढ़, महोबा समेत अन्य कई जिलों में डिमांड के अनुसार की जा रही थी. पुलिस ने यहां से 50000 ढक्कन, 5000 क्यूआर कोड, लाखो बोतल कैप्सूल, 2000 शराब की भरी बोतल एक कार, एक लोडर, एक बाइक, एक डिग्री नापने वाला मीटर, 225 बोतल देसी शराब की तैयार बोतलें बरामद की हैं.
रंग मिलाकर बनाते थे शराब
ये लोग रंग मिलाकर शराब तैयार करते थे. पुलिस अब इस बात की पड़ताल में जुटी है कि ये लोग बोतल और ढक्कन कहां से ला रहे थे और इनके इस गोरखधंधे में और कौन-कौन शामिल रहा है.
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