Varanasi: वाराणसी के मणिकर्णिका महाश्मशान पर विवाद गहरा गया है. महाश्मशान नाथ वार्षिक श्रृंगार कार्यक्रम स्थल पर लकड़ी व्यापारियों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई है. उनका कहना है कि अगर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो फिर वो आंदोलन करेंगे.
मणिकर्णिका महाश्मशान पर अवैध कब्जा
दरअसल मणिकर्णिका महाश्मशान पर बाबा का वार्षिक श्रंगार किया जाता है. सैकड़ों सालों से ये कार्यक्रम चैत्र नवरात्र में इस स्थल पर किया जाता रहा है. लेकिन अब बाबा महाश्मशान वार्षिक श्रृंगार कार्यक्रम स्थल पर लकड़ी व्यापारियों ने अवैध रूप से लकड़ी रख कब्जा कर लिया था. जिसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. इस मामले को प्रशासन के संज्ञान में भी लाया गया है लेकिन प्रशासन की तरफ से इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा.
टूटने की कगार पर सैकड़ों साल पुरानी परंपरा
बाबा श्मशान नाथ सेवा समिति के उपाध्यक्ष और पूर्व पार्षद दिलीप यादव ने बताया कि धर्मनगरी काशी में चैत्र नवरात्र पर सप्तमी के दिन महाश्मशान घाट पर अनूठी महफिल सजती है. धधकती चिताओं के बीच नगरवधुओं के पांव में घुंघरू रातभर इस महफिल में बजते रहते हैं. लेकिन अब इस कार्यक्रम स्थल पर अवैध रूप से लड़कियां रखकर कब्जा कर लिया गया है. जिससे सैकड़ों सालों से चली आ रही पंरपरा टूटने का कागार पर है.
6 अप्रैल से शुरू होना है कार्यक्रम
दिलीप यादव ने कहा कि बाबा श्मशान नाथ का तीन दिवसीय श्रृंगार महोत्सव इस बार 6 अप्रैल से शुरू होगा. जिसमें पहले दिन बाबा का रुद्राभिषेक पूजन हवन का कार्यक्रम है. दूसरे दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. 8 अप्रैल प्राचीन परम्परा को निभाते हुए नगर वधुएं बाबा के दरबार में अपनी हाजिरी लगाएंगी. ऐसे में अगर इस जगह से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया तो इस परंपरा का निर्वाह करना मुश्किल हो जाएगा. देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है.
यह भी पढ़ें:
योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद से दिया इस्तीफा, गोरखपुर से चुने गए हैं विधायक