UP News: बस्ती जनपद में दबंगों के हौसले बुलंद हैं. उनके आगे कोर्ट का आदेश भी मायने नहीं रख रहता. स्टे होने के बाद भी पुलिस ऑर्डर का पालन नहीं करवा पा रही है. उसका खामियाजा काश्तकार को उठाना पड़ रहा है. मालिक अपनी ही जमीन को नहीं बचा पा रहा है. दबंग कानून को ताक पर रखकर दूसरे की जमीन को सरेआम कब्जा कर रहे हैं. मामला लालगंज थाना क्षेत्र के देइसांड गांव का है. किसान राम चन्द्र की मजबूरी और गरीबी का फायदा उठाकर दबंगों ने जमीन कब्जा ली. दबंगों से जमीन वापस पाने के लिए राम चन्द्र ने एसडीएम से लेकर पुलिस थाने का चक्कर लगा लिया. फरियाद अनसुनी कर दी गई. आरोप है कि पड़ोसी राजेंद्र प्रसाद, दिलीप चौधरी और विवेक चौधरी ने जमीन पर जबरदस्ती निर्माण कार्य करा लिया.


दबंगों के लिए कोर्ट का ऑर्डर नहीं रखता मायने 


राम चन्द्र का कहना है कि गाटा संख्या 812 की जमीन बैनामशुदा है. कुल आठ बिस्वा जमीन का आधा बंटवारे के बाद भाई महेंद्र वर्मा के पास चली गई. चार बिस्वा जमीन पर उनका अधिकार है. दबंग राजेंद्र और दिलीप ने मिलकर उनकी चार में से डेढ़ बिस्वा जमीन पर जबरन कब्जा जमा लिया है. शिकायतकर्ता राम चंद्र परिवार समेत मुंबई में रहते हैं. उनकी पैतृक संपत्ति बस्ती जिले में है. दबंगों ने उनके हिस्से की जमीन को कब्जा कर लिया है. 2018 को सिविल जज जूनियर डिविजन खलीलाबाद की तरफ से जमीन पर स्टे का ऑर्डर भी है.


पुलिस की मिलीभगत से जमीन हड़पने का आरोप


स्टे ऑर्डर होने के बावजूद दबंगों ने पुलिस की मिलीभगत से जमीन पर निर्माण कार्य करा लिया. कोर्ट के माध्यम से जमीन की पैमाइश का आदेश अभी तक रुका हुआ है. पीड़ित राम चन्द्र न्याय की गुहार के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. दबंगों के आगे कोर्ट का आदेश मायने नहीं रखता. राम चंद्र को जमीन से हाथ धोने का डर सता रहा है. सदर एसडीएम विनोद पांडे ने बताया कि मामला जमीन विवाद का है. लेखपाल को जांच करने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी. लालगंज थाने के एसओ का कहना है कि मौके पर पुलिस ने कई बार निर्माण कार्य रुकवाया था. उन्होंने बताया कि पुलिस की बिना जानकारी में निर्माण कार्य हुआ है. उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 


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