लखनऊ. उत्तर प्रदेश में उमस भरी गर्मी से आज राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने गुरुवार को बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों तक प्रदेश में बारिश होगी. प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भागों पर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के साथ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है. मॉनसून की अक्षीय रेखा बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र तक पहुंच रही है. इस वजह से प्रदेश में बारिश होने की संभावना है.
बाराबंकी में घटा सरयू नदी का जलस्तर
बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर घट रहा है. केंद्रीय जल आयोग कंट्रोल के मुताबिक, सरयू नदी का जलस्तर घटा है. हालांकि, अभी भी बाढ़ की चपेट में 6 दर्जन से अधिक गांव हैं.
16 जिलों में 536 गांव बाढ़ से प्रभावित
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 536 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और कई नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बुधवार को कहा, 'वर्तमान में 16 जनपदों के 536 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं. पलिया कलां-लखीमपुरखीरी में शारदा नदी, तुर्तीपार-बलिया में सरयू नदी, बर्डघाट-गोरखपुर में राप्ती नदी, एल्गिनब्रिज-बाराबंकी और अयोध्या में सरयू (घाघरा) नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.'
गोंडा के दो तहसील क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात
गोंडा के दो तहसील क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं. कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नकहारा गांव के 9 मजरों में लगभग 2 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, वहीं तरबगंज तहसील क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. सरयू और घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर है. कई घर टापू में तब्दील हैं कुछ लोग पलायन करने को मजबूर भी हैं.
जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने का दावा कर रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि यहां तक अभी कोई नहीं आया और सरकार की तरफ से कोई भी राहत सामग्री नहीं दी गई
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