देहरादून, एबीपी गंगा। गाय के गोबर से न केवल खेतों में बल्कि जेबों में भी हरियाली आ सकती है। जरूरी नहीं कि ऐसा बड़े कारोबार से ही संभव है। जज्बा व हुनर हो तो छोटे से काम से भी प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया को साकार किया जा सकता है। यही साबित कर दिखाया है काशीपुर के रहने वाले युवा नीरज चौधरी ने। नीरज वह शख्स हैं जो देसी गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार की कलाकृति व मूर्तियां बनाकर न केवल अपनी बल्कि दर्जनों अन्य लोगों की तकदीर गढ़ रहे हैं। नीरज अपने इस कारीगरी के बूते युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।


कम संसाधनों में शुरू किया काम


काशीपुर के आवास विकास में रहने वाले नीरज चौधरी ने अप्रैल 2016 में डेयरी खोलने की सोची। इस दौरान जब उन्होंने इस व्यवसाय को लेकर लोगों से विचार-विमर्श किया तो उन्हें जानकारी मिली की देसी गाय का दूध ए कैटेगरी में आता है और लाभदायक भी होता है, जबकि देसी गाय का गोबर भी अत्यंत लाभदायक है। इसी को लेकर नीरज ने अपने फार्म में गाय पाली और आसपास से भी देसी गाय का गोबर एकत्र करने लगे। उन्होंने शुरुआत में थोड़े से कच्चे माल से ही मूर्तियां तैयार करना शुरू किया।



बढ़ रही है डिमांड


मास्टर ऑफ सोशल वर्क में डिग्री ले चुके नीरज ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय के गोबर से ही मूर्तियों व कलाकृतियों को बनाने का काम शुरू किया है। उनके द्वारा निर्मित कलाकृति व मूर्ति देश के विभिन्न धार्मिक स्थानों के अलावा विदेशों तक जा रही हैं। नीरज ने बताया कि वह अपनी कलाकृतियों के माध्यम से अब तक लाखों रुपए का कारोबार कर चुके हैं जबकि अब उनके उत्पादों की डिमांड बढ़ने लगी है। हाल ही में 14 लाख रुपए के माल की डिमांड इस्कॉन संस्था से मिली है।



मेक इन इंडिया से ली प्रेरणा


नीरज अपनी कलाकृतियों के माध्यम से आज देशभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। नीरज कहते है कि पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से उन्होंने प्रेरणा ली। खुद का काम शुरू किया। लोगों को रोजगार दिया और खुद भी अपने पैरों पर खड़े हो गए। उनकी इच्छा है कि वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उनको अपने हाथ से बनाई उनकी कलाकृति दें।