महाजीत का होगा महाअसर: बड़े सुधार के रास्ते की हर अड़चन दूर करेगा बड़ा जनादेश
भाजपा को मिले बड़े जनादेश से मोदी सरकार आर्थिक सुधारों को गति देने के लिए सख्त फैसले भी ले सकती है।
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नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा के बड़े बहुमत से आना बड़े सुधारों के जारी रहने का रास्ता खोलता है। दुनिया के प्रसिद्ध आर्थिक थिंक टैंक व वित्तीय सलाहकार कंपनियों ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए इसे अच्छा बताया है। इन कंपनियों का मानना है कि स्पष्ट बहुमत से सरकार बड़े आर्थिक सुधारों की रफ्तार और तेज कर सकती है। इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था में कायम होगा जिसका असर यहां के शेयर बाजार में भी दिखाई देगा।
जेपी मोर्गन के मुताबिक बहुमत वाली सरकार के आने से भारतीय इक्विटी बाजार में स्थानीय जोखिम कम हो जाएगा। निफ्टी के अगले छह महीनों के दौरान 12,500 के स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद है क्योंकि निवेशकों के मन में किसी तरह का संशय नहीं है। क्रेडिट स्विस ने कहा है कि नई सरकार से उम्मीद है कि वह न्यायिक और टैक्स रिफॉर्म को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देगी क्योंकि सुधार की राह में ये अड़चन बने हुए हैं। साथ ही सरकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर विलय व अधिग्रहण को बढ़ावा मिलेगा जिससे अर्थव्यवस्था के बुनियाद मजबूत होगी। यही नहीं बाजार पर भी इसका प्रभाव दिखाई देगा।
सीएलएसए ने कहा है कि अब उन आर्थिक सुधारों को लेकर निश्चितता बढ़ेगी जो अर्थव्यवस्था की रफ्तार से सीधे तौर जुड़े हैं। माहौल बेहतर होने की वजह से ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश भी पहले से ज्यादा है। तरलता की स्थिति भी सुधरती दिख रही है। इससे घरेलू निवेशकों का भी भरोसा बढ़ेगा जो शेयर बाजार के लिए एक शुभ संकेत होगा। जापान की वित्त सलाहकार एजेंसी नोमुरा का आकलन है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का फोकस कृषि क्षेत्र में संकट को दूर करने पर रहेगा। नोमुरा ने यह भी कहा है कि स्पष्ट बहुमत का साफ मतलब है कि सरकार आर्थिक सुधारों को जारी रख सकती है और उन सुधारों को भी आगे बढ़ा सकती है जिस पर अभी तक सहमति नहीं बन पा रही थी।
भारतीय कंपनी की कोटक सिक्योरिटीज का आकलन है कि नई सरकार के लिए आर्थिक एजेंडा ही सबसे अहम होगा। लेकिन इस एजेंडे का फायदा समाज के तकरीबन सभी वर्ग को होगा। मसलन, हर व्यक्ति के सर पर घर दिलाने की योजना को जब बेहद सक्रियता से लागू किया जाएगा तो यह अपने साथ कई तरह की आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाएगा। बेहतर माहौल बढ़ने से ब्याज दरों में एक फीसद (100 आधार अंकों) की कटौती की भी उम्मीद जताई है। हां, भूमि व श्रम सुधारों को लेकर सरकार कुछ बड़े फैसले कर पाएगी, इसको लेकर कोटक ने संशय जाहिर किया है। इसके पीछे वजह यह बताई गई है कि पिछले बार भी स्पष्ट बहुमत के बावजूद इन दोनों सुधारों को लेकर खास कदम नहीं उठाए गए थे।
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