Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी, जानिए क्यों कट सकते हैं कई वरिष्ठ सांसदों के टिकट
UP Politics: आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी चयन में नारी शक्ति वंदन अधिनियम का असर देखने को मिलने की उम्मीद है. जिसके कारण कई मौजूदा सांसदों की टिकट कटने की संभावना बन रही है.
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी चयन में नारी शक्ति वंदन अधिनियम का असर देखने को मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कथनी और करनी को एक साबित करने के लिए 20 से 30 फीसदी तक महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की तैयारी की है. ऐसे में अधिनियम के असर से प्रदेश के कई मौजूदा वरिष्ठ सांसदों के टिकट कट सकते हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने 80 में 11 यानी की 13.75 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था. इसमें 10 बीजेपी और एक अपना दल एस की प्रत्याशी थी. प्रदेश में एनडीए के 66 लोकसभा सदस्यों में 57 पुरुष और 9 महिला सांसद हैं. इनमें बीजेपी की आठ और अपना दल एस की एक प्रत्याशी ने चुनाव जीता था. इसमें अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी, फतेहपुर से बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति और मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री भी हैं .
मौजूदा सांसदों के टिकट कटने की संभावना
नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद बीजेपी में चर्चा तेज है कि लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या 20 से 30 फीसदी तक हो सकती है. सपा की ओर से 20 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की घोषणा के बाद बीजेपी पर महिलाओं को ज्यादा टिकट देने का दबाव बनेगा. पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार प्रदेश में महिला प्रत्याशी बढ़ने से 10 से 15 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं.
खड़ा हो सकता है परिवारवाद का संकट
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के कारण जब पुरुष सांसदों के टिकट काटे जाएंगे तो वह अपनी सीट पर पत्नी या बेटी को टिकट देने का दबाव बनाएंगे, ऐसे में पार्टी नेतृत्व की कड़ी परीक्षा होगी कि वह परिवारवाद को बढ़ावा देती है या नए चेहरों को मौका देकर महिलाओं के बीच नया नेतृत्व खड़ा करने की कोशिश करती है.
सहयोगी दलों पर भी बन सकता है महिला प्रत्याशी उतारने का दबाव
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी अपना दल एस, निषाद पार्टी और सुभासपा को भी सीटें मिलेगी. ऐसे में बीजेपी सहयोगी दलों के कोटे वाली सीटों पर भी महिला प्रत्याशी उतारने का दबाव बना सकती है. सूत्रों के अनुसार जाति समीकरण के हिसाब से कमजोर माने जाने वाली सीटों पर भी बीजेपी महिला प्रत्याशी को उतार कर नारी शक्ति का दांव चल सकती है.
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