नई दिल्ली, एबीपी गंगा। महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने कल सुबह 10:30 बजे फैसला देने की बात कही है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की साझा याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत में सभी पक्षों ने अपनी बात कही। सॉलिसिटर जनरल ने फडणवीस की तरफ से सारी बातें और चिट्ठी पेश की। वहीं शिवसेना की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने 24 घंटे की भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की।


सुप्रीम में सुनवाई का अपडेट


सुप्रीम कोर्ट में सभी पक्षों को सुनने के बाद कल सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाने की बात कही। इस तरह महाराष्ट्र की सीएम देवेंद्र फडणवीस को 24 घंटे का वक्त और मिल गया।


महाराष्ट्र भाजपा की तरफ से पक्ष रखते हुये मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश नहीं दिया जा सकता। फ्लोर टेस्ट कल नहीं होना चाहिए। इसके लिए उचित समय 7 दिन है।


एनसीपी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब दोनों दल फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, तो देरी क्यों होनी चाहिए? क्या एनसीपी का एक भी विधायक यहां कहता है कि हम भाजपा के गठबंधन में शामिल होंगे?

कपिल सिब्बल ने कहा...
शिवसेना की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट 24 घंटे में होना चाहिए। हाउस के पूर्व सदस्य को वीडियोग्राफी और सिंगल बैलट के साथ इसका संचालन करना चाहिए।

अजित पवार के वकील ने कहा..

अजीत पवार के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि वे एनसीपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और महाराष्ट्र के गवर्नर ने फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर के सही कदम उठाया।

सिब्बल बोले आखिर राष्ट्रपति शासन सुबह 5.17 पर क्यों रद्द किया गया 
शिवसेना की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर राष्ट्रपति शासन सुबह 5.17 पर क्यों रद कर दिया गया। सुबह 8 बजे शपथ दिलाई गई थी? राष्ट्रपति शासन को सुबह 5.17 बजे निरस्त कर दिया गया, जिसका अर्थ है कि 5.17 से पहले सब कुछ हुआ।


तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा
गवर्नर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनरल तुषार मेहता बोले- हमें 2-3 दिनों का समय दें और हमें जवाब दाखिल करने दें। राज्यपाल ने पूर्ण विवेक से 23 नवंबर को सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित किया।

सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता ने रखा पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल ने तब राष्ट्रपति को पत्र लिखा और राष्ट्रपति शासन रद्द करने का अनुरोध किया। गवर्नर ने सबसे बड़े दल के नेता को आमंत्रित किया। देवेंद्र फडणवीस के पास 170 विधायकों का समर्थन है।

तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल को सौंपे गए अजीत पवार के 22 नवंबर के पत्र में लिखा है कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरूरत है और राष्ट्रपति शासन अनिश्चित काल तक नहीं चल सकता। पत्र में कहा गया है कि भाजपा ने पहले अजीत पवार को सरकार बनाने के लिए उनके साथ शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उस समय एनसीपी विधायकों के अपर्याप्त समर्थन के कारण उन्होंने मना कर दिया था।

राज्यपाल के मूल पत्र को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के मूल पत्र को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा। जो महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने को लेकर है।