Imran Masood Meets SSP Akash Tomar: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता इमरान मसूद (Imran Masood) दंगाइयों पर हो रही सख्त कार्रवाई को लेकर एसएसपी आकाश तोमर (SSP Akash Tomar) से मिले और  रियायत की अपील की. एसएसपी से मुलाकात के बाद इमरान मसूद ने कहा कि जुमे के रोज जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई उसकी वो मजम्मत करते हैं. गाजर चोरों की सजा जूतियों से होती है उसके लिए फांसी नहीं दी जाती. जिसका जितना जुर्मा है उसे उतनी ही सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपने गिरफ्तारी भी कर ली, मुकदमें बहुत संगीन धाराओं में लगाए और जेल भी भेज दिया है. कप्तान साहब से हमने जुर्म के हिसाब से सजा देने को कहा है उन्होंने भी हमें आश्वासन दिया है. 


इमरान मसूद ने मांगी सजा में रियायत
इमरान मसूद ने कहा कि हमारी भी कुछ जिम्मेदारियां है उन्हे निभाना पड़ेगा. चाहे वो उलेमा हो या राजनीतिक लोग. हम बात करेंगे कि जुमे की नमाज के बाद ये प्रदर्शन किसी भी सूरत में जायज नहीं है. अगर हमें कोई प्रदर्शन करना है तो उसका दिन और समय रखें और तब जाकर प्रदर्शन करें. मस्जिद से निकल कर प्रदर्शन होगा ये किसी भी सूरत में जायज नहीं है. सोशल मीडिया पर अब जुमे को पत्थरवार कहा जा रहा है, इस बात का मौका भी किसने दिया है. हमें इस बात को रोकना पड़ेगा कि मस्जिद में सिर्फ नमाज हो इसके अलावा कुछ नहीं. अल्लाह से दुआ करें और अपने काम पर जाएं. 


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जितना जुर्म उतनी हो सजा


सपा नेता ने कहा कि शहर के अमन को बचाने के लिए हमें जान भी देनी पड़ेगी, हम जान देंगे. मैं उन लोगों में से नहीं हूं कि अपनी जिम्मेदारी से भागकर मुंह छुपा लूंगा. ये जो संगीन धाराओं में मुकदमे हुए हैं इनके अंदर कहीं गोली नहीं चली कि 307 हो, कहीं किसी को चोट नहीं लगी कि 307 हो, कोई लूट नहीं हुई तो आपने लूट का मुकदमा लिख दिया, इमरान मसूद ने इन्हीं सब बातों को लेकर पुलिस कप्तान से बात की और उन्होंने आश्वासन दिया है कि चीजों को देखकर कुछ करेंगे. 


बुलडोजर को लेकर भी दिया बयान
वहीं दूसरी तरफ इमरान मसूद ने बुलडोजर की कार्रवाई पर भी बयान दिया और कहा कि बुलडोजर से जो कार्रवाई की जा रही है उससे न्यायिक सिस्टम ध्वस्त हो रहा है. प्रयागराज में आपने पूरा जावेद पंप का पूरा मकान ही ध्वस्त कर दिया. यहां तो थोड़ा सा छज्जा ही गिराया है. मतलब बोलने का अधिकार पर पाबंदी, हमें बोलने की आजादी भी नहीं होगी. अगर हेट स्पीच बोली गई है तो जेल भेजिए. सीआरपीसी, आईपीसी किसके लिए है इसके लिए ही है ना आप जेल भेजो.  कल को मेरे घर पर भी बुलडोजर चल सकता है. लेकिन हम डरने वाले नहीं है. बुलडोजर चलाना है तो चला लीजिए. 


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