गोरखपुरः उत्तर प्रदेश में आरआरबी गोरखपुर बोर्ड के एलपी टेक्निशियन के 2018 के प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों ने गोरखपुर के रेलवे स्टेशन स्थित भर्ती बोर्ड कार्यालय के सामने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि जब कई पदों पर भर्ती के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशन निकाला गया और 5 चरणों की प्रक्रिया को पूरी कर ली गई, तो उन्हें नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है. हालांकि रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि बोर्ड की ओर से 50 प्रतिशत अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया गया था. रेग्युलर कैंडिडेट्स की ज्वाइनिंग कराई जा चुकी है. लेकिन, प्रतीक्षा सूची वाले अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग रेग्यूलटर वालों के नौकरी छोड़ने पर ही कराई जा सकती है.
आरआरबी गोरखपुर रेलवे भर्ती बोर्ड ने 2018 में कई पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन निकाला था. बोर्ड ने 50 प्रतिशत अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया था. नोटिफिकेशन के आधार पर सूची तैयार कर रेग्युलर अभ्यर्थियों को बोर्ड ने ज्वाइनिंग करा दी. प्रतीक्षा सूची के 50 प्रतिशत अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग नहीं कराया गया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि जब उनका मेडिकल चेकअप, वाहन और पांच चरणों की प्रक्रिया को पूरा करा गया, तो उन्हें ज्वाइनिंग क्यों नहीं कराई जा रही है.
यही वजह है कि आरआरबी गोरखपुर भर्ती बोर्ड के एलपी टेक्नीशियन के छात्रों ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित RRB रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थी सौरभ कुमार ने बताया कि वे आरआरबी गोरखपुर बोर्ड के एलपी टेक्निशियन के स्टैंडबाई छात्र हैं. उनका आरोप है कि जब तक अंतिम सूची जारी नहीं होती है ये बताया नहीं जा सकता है कि कौन सा अभ्यर्थी स्टैंडबाई में है.
सौरभ ने बताया कि 2018 मार्च का नोटिफिकेशन है. साढे तीन साल होने के बावजूद अभी तक विभाग में किसी तरह का एथेंटिक पेपर वर्क नहीं हुआ है. अब तक फाइनल पैनल भी नहीं जारी किया गया है. जिससे कि ये पता चल सके कि किसी भी विभाग में कैंडिडेट किस पोस्ट, किस रैंक से कितने से वेटिंग हैं. भारतीय रेलवे सबसे बड़ी नियोक्ता है. वो चाहे तो सारे अभ्यर्थी आराम से भर्ती हो सकते हैं. लेकिन, वे दो साल से यहां पर हर माह और सप्ताह आते हैं. 693 अभ्यर्थियों का फाइनल पैनल होना भी बचा है. वो भी नहीं दिया गया है.
उनकी मांग है कि रेलवे में इतिहास रहा है कि सभी मेडिकल फिट बगैर ज्वाइनिंग के नहीं रहे हैं. जितने भी कैंडीटेट हैं वे सभी पांच चरणों से अपने-अपने ट्रेड से गुजर चुके हैं. सभी परीक्षाएं देने के बाद आरआरबी के चेयरमैन के यहां डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन किया गया. रेलवे बोर्ड लगातार उन्हें बस आश्वासन दे रहा है. यूपी, बिहार के साथ पूरे देश से अभ्यर्थी यहां पर आ रहे हैं. उन्हें किसी भी कीमत पर ज्वाइनिंग चाहिए.
आरआरबी रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर के अध्यक्ष प्रवीण कुमार राय का इस पूरे प्रकरण पर कहना है कि बोर्ड ने साल 2018 में 50 प्रतिशत अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया था. प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद रेग्यूलर अभ्यर्थियों को ज्वानिंग करा दिया गया. प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को सीधे भर्ती करने का कोई प्राविधान नहीं है. उन्होंने बताया कि प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को ज्वाइन कराने का कोई प्रावधान नहीं है. अक्सर ऐसा होता बहुत से लोग ज्वाइन करने के बाद छोड़ देते हैं. कुछ लोग ज्वाइन नहीं करना चाहते हैं. किसी ने त्यागपत्र दे दिया और नौकरी छोड़ दी, तभी प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को वेबसाइट के माध्यम से बुलाया जाता है.
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