उत्तर प्रदेश: हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार सवालों के घेरे में हैं उन पर तरह-तरह के आरोप लग रहें हैं. पीड़िता के परिवार ने उन पर धमकाने का आरोप लगाया. परिवार से बिना पूछे ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया. एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद जिले के एसपी विक्रांत वीर समेत कई पुलिस अफ़सर सस्पेंड कर दिए गए. लेकिन डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.


जबकि देश भर में जगह-जगह उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है. लड़की के परिवार ने प्रवीण कुमार पर बंधक बनाने का आरोप लगाया था. ये बात सामने आई कि डीएम को ‘ऊपरवाले’ बचा रहे हैं. ये भी कहा गया कि उनके कहने पर ही मीडिया को परिवार के गांव से दूर रखा गया था. उन्होंने ही ऊपर ये जानकारी दी थी कि राहुल और प्रियंका गांधी के आने से क़ानून व्यवस्था ख़राब हो सकता है. बाद में यूपी सरकार ने दोनों को परिवार से मिलने भी दिया.


लखनऊ से अब खबर आ रही है कि हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का ट्रांसफ़र हो सकता है. लड़की की मौत के बाद तमाम पहलुओं की जांच के लिए योगी सरकार ने एक एसआईटी बना दी थी. राज्य के गृह सचिव भगवान स्वरूप को एसआईटी का हेड बनाया गया. उनकी ही शुरुआती जांच के बाद जिले के एसपी विक्रांत वीर सस्पेंड किए गए थे.


जिसके बाद यूपी के कुछ आईपीएस अफ़सर नाराज़ हो गए थे. उनका कहना था कि जिस गलती के कारण एसपी पर कार्रवाई हुई तो डीएम पर क्यों नहीं? एसपी और डीएम ने तो फ़ैसले मिल कर किए थे. राज्य के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने भी हाथरस का दौरा किया था. लड़की के घर वालों से मुलाक़ात की थी. उनसे बातचीत के आधार पर जो रिपोर्ट दी गई थी. उसी रिपोर्ट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई की थी.


एसआईटी के हवाले से नई जानकारी आ रही है. ये कहा जा रहा है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकर को हटाने पर विचार चल रहा है. वे 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो राजस्थान के रहनेवाले हैं. वे क़रीब 17 महीनों से यहॉं के डीएम हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज फिर से उन पर कार्रवाई की मांग की है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी उन्हें दलित विरोधी बताया है.


विपक्ष के कई नेताओं के निशाने पर हैं हाथरस के डीएम. बीजेपी की सीनियर नेता उमा भारती ने भी डीएम का नाम लिए बिना उनके रोल की निंदा की है. उन्होंने कहा कि दलित की बेटी और उसके परिवार के साथ हो रहे व्यवहार से वे दुखी हैं. हाथरस के डीएम पर सबसे बड़ा आरोप परिवार के बिना ही लड़की का अंतिम संस्कार कराने का है.


यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भी कह चुके हैं कि ये फ़ैसला लोकल स्तर पर किया गया. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़ हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का सिर्फ़ ट्रांसफ़र किया जाएगा.


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