Varanasi News: पहली योगी सरकार और योगी सरकार 2.0 में जीरो टॉलरेंस की बात कही जा रही है. लेकिन इसका कहीं भी असर होता नहीं दिखाई दे रहा है. ताजा मामला पुलिस विभाग का है जहां पर आज एक उपनिरीक्षक के द्वारा फरियादी से 15000 रुपए की रिश्वत की मांग की गई. जिसको लेकर पीड़ित ने एंटी करप्शन वाराणसी की शरण ली और आज एंटी करप्शन की टीम ने उप निरीक्षक को रंगे हाथों वर्दी में गिरफ्तार कर लिया.
मामला गाजीपुर के जमानिया थाना क्षेत्र का
पूरा मामला जमानिया थाना क्षेत्र का है, जहां पर शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार की पाटीदारों से सितंबर महीने में मारपीट हुई थी. पाटीदारों ने कृष्ण कुमार के माता-पिता के साथ ही कृष्ण कुमार और उनके चाचा को आरोपी बना दिया था. जबकि कृष्ण कुमार और उनके चाचा मौके पर मौजूद नहीं थे.
नाम हटाने के एवज में पैसे की डिमांड की गई
इस पूरे मामले की विवेचना जमानिया थाना के उप निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के द्वारा की जा रही थी. मामले में अनिल कुमार सिंह के द्वारा कृष्ण कुमार का नाम हटाने के एवज में पैसे की डिमांड की गई और इसी को लेकर कृष्ण कुमार ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन वाराणसी टीम से किया था.
एंटी करप्शन की टीम पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत किया गिरफ्तार
आज एंटी करप्शन की टीम अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत गाजीपुर के जिला मुख्यालय स्थित राइफल क्लब के पास एक चाय की दुकान पर पहंची. जहां उप निरीक्षक अनिल कुमार सिंह को बुलाया गया और वहीं पर शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार के द्वारा 15000 रुपए की रिश्वत दी गई. इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने उप निरीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. वहीं अब इस पूरे मामले में एंटी करप्शन की टीम उपनिरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेजने की कार्यवाही करने में जुट गई है.
एंटी करप्शन वाराणसी से अशोक कुमार सिंह ने बताया कि आज का ये मामला है कि शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार से उप निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने उनका नाम किसी मामले से हटाने के एवज में 15 हजार की मांग की थी, जिस पर उन्हें रंगे हाथों कलेक्ट्रेट कार्यालय के बगल से गिरफ्तार किया गया है.
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