मेरठ, एबीपी गंगा। यह तो सच है कि वक्त के साथ-साथ सब कुछ बदल जाता है। लॉकडाउन ने सब कुछ बदल दिया और कोरोना ने सब को बदलने पर मजबूर कर दिया। जी हां, क्योंकि एक समय था जब राजा और उसकी सेना युद्ध करने निकला करते थे, तब उनकी आरती की जाती थी और उनको तिलक लगाकर विजय की कामना करते हुए विदा किया जाता था, लेकिन अब जब से वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत में अपने पैर पसारे हैं और उस महामारी से लड़ने के लिए जो योद्धा सड़कों पर हैं, लोग उनका अलग-अलग तरीके से सम्मान कर रहे हैं। जो तस्वीरें आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं वह तस्वीरें वाकई में सबसे अलग हैं और सबसे जुदा हैं, क्योंकि इन तस्वीरों में किसी राजा का नहीं, बल्कि सफाई कर्मचारियों का तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी जा रही है। इतना ही नहीं, तिलक लगाने से पहले उनके पैरों को भी धोया गया है।



दरअसल, मेरठ के साकेत निवासी व्यापारी संजीव पाल और उनकी पत्नी मीनाक्षी ने सर्किट हाउस के बाहर पहुंचकर सफाई कर रहे सफाई योद्धाओं का अनोखे तरीके से स्वागत किया। पहले तो संजीव पाल ने कुर्सी पर बैठाकर सफाई कर्मचारियों के सैनिटाइजर से पैर धोए और उसके बाद उनकी पत्नी मीनाक्षी ने सभी की आरती उतारकर तिलक किया।



इस दौरान संजीव ने कहा कि यह सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की रक्षा कर रहे हैं और ऐसे में उनका सम्मान करना भी जनता का फर्ज़ है। इसके साथ ही, संजीव ने प्रशासन से सफाई कर्मचारियों की आवाज उठाते हुए मांग की है कि सफाई कर्मचारी लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर देश को कोरोना से बचाने के लिए जंग लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें पीपीई किट नहीं दी गई। लिहाजा उन्हें जल्द ही अपना बचाव करने के लिए पीपीई किट दी जाए, क्योंकि अगर हमारे देश के कोरोना योद्धा ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो फिर वह जनता को कैसे बचाएंगे।


संजीव की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि उन्होंने सफाई कर्मचारियों की आरती कर तिलक इसलिए किया कि ताकि यह सफाई कर्मचारी शहर को साफ करके कोरोनावायरस पर विजय प्राप्त कर सकें।


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