प्रयागराज, एबीपी गंगा। कुंभ नगरी प्रयागराज में सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर खोली गई गौशाला में सरकारी अमले की लापरवाही से 35 गायों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सरकारी अमले का दावा है कि इन गायों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई है, जबकि स्थानीय लोग इन दावों को झुठला रहे हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर गायें भूख व बीमारी की वजह से मरी हैं। वैसे मौके पर जो हालात नजर आ रहे हैं, वह भी सरकारी अमले की लापरवाही साफ बयां कर रहे हैं।



पूरा आश्रय स्थल घुटने भर से ज्यादा पानी मे डूबा हुआ नजर आ रहा है। पानी भरा होने की वजह से अंदर जाने का रास्ता ही नहीं बचा है। गौशाला में साढ़े तीन सौ के करीब गायों को खुले आसमान के नीचे रखा जाता था। पूरी गौशाला में दस फिट का भी कोई टिन शेड नहीं है। चारे और पानी के लिए सिर्फ दर्जन भर हौदे बने हुए हैं। यहां के 27 कर्मचारियों के लिए तीन झोपड़ी बनाई गई है, लेकिन वह भी पानी व कीचड़ में डूबी हुई नजर आईं।



गौशाला सुनसान जगह पर है। आसपास रिहाइशी बस्ती नहीं है। यहां तक जाने का कच्चा रास्ता कीचड़ में डूबा मिला। प्रयागराज में पिछले पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में यहां के कर्मचारियों से खुले आसमान के नीचे घुटने भर पानी मे घुसकर गायों की सेवा करने की उम्मीद करना ही बेमानी है। ज्यादातर गायों की मौत बुधवार की रात से लेकर बृहस्पतिवार की रात को हुई है। कई स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां गायों को न भरपेट चारा दिया जाता था और न ही उनकी ठीक से देखभाल की जाती थी। लोगों काआरोप है कि गायों की मौत भूख, खुले आसमान में बारिश के पानी मे भीगने, बीमार होने व लापरवाही की वजह से ही हुई है।



मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकारी अमला अब हरकत में आया है। उसने मौत का शिकार हुई गायों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें पड़ोस में ही दफना दिया है। पीएम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। गौशाला में बची हुई 309 गायों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। वहां अब साफ सफाई, चारे पानी व शेड के इंतजाम किए जा रहे हैं। बची हुईं गायों की हालत इस गौशाला में गौवंश की सेवा की पूरी कड़वी हकीकत खुद ही बयां कर रही है।



प्रयागराज की फबलपुर तहसील के कांदी गांव की इस गौशाला की स्थापना इसी साल 29 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर की गई थी। इन दिनोंहां 344 गायें थीं, जिनमें से 35 की मौत के बाद अब सिर्फ 309 ही बची हुई हैं। सरकारी मशीनरी के दावों पर यकीन करते हुए अगर यह मान भी लिया जाए कि 35 गायों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई है, तो भी इस गौशाला में सरकारी अमले की लापरवाही साफ नजर आई, जिसका असर गायों की हालत पर भी दिखाई दिया।



मामले के तूल पकड़ने के बाद डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी है। एडीएम प्रशासन की अगुवाई में गठित टीम को अधिकतम तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। हालांकि जांच में लीपापोती से आगे कुछ होने की उम्मीद कम ही है।