रायबरेली, एबीपी गंगा। लॉकडाउन-2 के बाद रायबरेली जिले की कलेक्टर का सख्त रुख देखने को मिला है, वहीं आम जनता अपनी मनमानी से बाज आती नहीं दिख रही है।  लॉकडाउन के दरमियान भी बाजारों व सड़कों पर आम जनता ऐसे चलते दिख रही हैं, जैसे कोरोना महामारी व पुलिस प्रशासन के निर्देश उसके लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। हालांकि सड़कों पर उतरी अल्हड़ व निरंकुश जनता के बाद पुलिस भी चुस्त दिखी। शहर के डिग्री कॉलेज चौराहे पर पुलिस बल द्वारा दर्जनों लोगों का चालान किया गया और सैकड़ों लोगों को समझा-बुझाकर वापस घर भेजा गया।


लॉकडाउन, फिर भी सड़कों पर लोग


लॉकडाउन-2 के बाद रायबरेली में पुलिस प्रशासन चुस्त-दुरुस्त दिख रहा है, लेकिन आम जनता अपनी मनमाने रवैया से बाज नहीं आ रही है । घरों से निकलकर बाजारों में बेवजह घूमते हुए लोग देखे जा रहे हैं । कुछ लोग दवा का बहाना बना रहे हैं, तो कुछ लोग जेब में चेक लिए पैसा निकालने की बात कहते हुए पुलिस से नजर आ रहे हैं ।



शहर के मुख्य बाजार कैपरगंज व  छोटी सब्जी मंडी में लोगों का आवागमन आज सामान्य सा दिखा।  लोगों के मन में  कोरोना जैसी महामारी का भय भी नहीं दिखा और एक दूसरे के पास खड़े होकर दुकानदारी करते हुए और बगल से बिना मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करते हुए गुजरते व खड़े दिखे।  जैसे ही इसकी सूचना रायबरेली जिला प्रशासन को मिली यहां की पुलिस हरकत में आ गई और जगह-जगह चौराहे चौराहे पर नाकेबंदी करना शुरू कर दी।



सड़कों पर दिखी पुलिस की सख्ती


नाकेबंदी में सैकड़ों लोग फंसे भी दिखे। जिले में कुछ लोग तो महिलाओं को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर घूमते दिखाई दिए। कुछ घटनाओं में महिलाएं पुलिस भिड़ती भी नजर आयी। शहर के डिग्री कॉलेज चौराहे पर एक युवक बिना वजह बाइक से जा रहा था। उसी दरमियान चौकी इंचार्ज रावेंद्र ने उससे पूछताछ की, तो उसने बोला- सीडीओ साहब ने भेजा है। ऐसे बहाने बताएं लेकिन चौकी इंचार्ज ने जब गहनता से पूछताछ की तो मामला झूठा निकला। इस पर पुलिसकर्मियों ने सख्त रुख अपनाते हुए उसके वाहन का चालान काट दिया। इस तरह हर चौराहे पर भीड़ रोकने के लिए पुलिस मुस्तैद दिखी, लेकिन सबसे अधिक बड़ा प्रश्न यह है कि जिस तरह जिला प्रशासन ने पत्र के माध्यम से लॉकडाउन न खुलने के आदेश दिए है। उसी तरह से आम जनता तक भी यह संदेश पहुंचाना था। सही सूचना न पहुंचने से आम जनता सड़कों पर उतर आयी। जिसके परिणाम नकारात्मक हो सकते है। इस तरह भीड़ का सड़कों पर आना जिला प्रशासन की असफल नीति को उजागर करता है।


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