सहारनपुर: लॉकडाउन ने किसानों की भी कमर तोड़ दी है. फूलों के बाद अब सब्जियों की खेती करने वाली किसान भी लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. लॉकडाउन में जिस तरह से किसानों की सब्जियों की कीमत धड़ाम हुई हैं, उससे किसानों की कमर टूट गई है. जिससे किसान मानसिक रूप से तनाव में आ गया है.


वैसे तो लॉकडाउन के दौरान सब्जी खरीददारों के कम होने की वजह से सभी सब्जियों के भाव जमीन पर हैं, लेकिन गोभी की खेती में भारी-भरकम लागत के बावजूद कुछ न मिलने से परेशान किसान ने गोभी के खड़े खेत में ट्रैक्टर चला दिया. दरअसल, सहारनपुर के थाना गंगोह के वजीरपुर मार्ग पर स्थित राशिद मलिक व साजिद मलिक ने 8 बीघा खेत पर फूल गोभी लगाई थी. जिसमें काफी लागत लगाने के बाद जब तैयार फसल मंडी भेजी गई, तो वहां से मुनाफा तो दूर, किराया भी घर से ही देना पड़ा.



राशिद ने बताया कि गोभी का बीज 48 हजार रुपये किलो आया था, जिसमें काफी महंगी पेस्टीसाइड और मजदूरों को मजदूरी देने के बाद 8 बीघा में करीब 40 हजार से ऊपर की लागत आई थी, लेकिन जब फसल देहरादून मंडी भेजी गई, तो पांच रुपये तक ही बिकी. जिससे बारदाना, मजदूरी व किराया भी नहीं निकला. जिससे जेब से ही किराया देना पड़ा. पैसे न होने के कारण फसल पर कीटों के प्रभाव को कम करने के लिए पेस्टीसाइड भी नहीं छिड़क पाए. इस कारण कई किसानों की फसल भी खराब हो गई. उन्होंने बताया कि पिछले साल रमजान महीने में 40 से 50 रुपये तक गोभी बिक रही थी, लेकिन इस बार पांच से 10 रुपए तक ही बिक रही है.


पड़ोसी किसान सुखविंदर सिंह ने भी 4 बीघा, हिमांशु ने ढाई बीघा पत्ता गोभी के अलावा कई किसानों ने फसलों में ट्रैक्टर चला दिया है. इसके अलावा अन्य सब्जियों के भाव भी लॉकडाउन में नीचे गिर गए हैं. किसानों को लॉकडाउन ने बर्बादी की राह पर लाकर खड़ा कर दिया है. किसानों की सस्ती कीमत पर बिक रही सब्जियों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. वर्ना किसान सब्जियों की फसल से मुंह मोड़ सकते हैं.


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