शाहजहांपुर : अभी तक आपके ये सुना होगा कि विधना के जीवनयापन के लिए सरकार पेंशन देती है, लेकिन ऐसा मामला शायद आप पहली बार सुन रहे होंगे जहां सुहागिनों को विधना बनाकर पेंशन के पैसों का बंदरबांट हुई हो. मामला यूपी के शाहजहांपुर का है, जहां प्रधान, विभाग के बाबुओं सहित उच्चाधिकारियों ने पैसे की बंदरबांट करने के लिए 23 महिलाओं को विधवा बना दिया. उनके खातों मे विधवा पेंशन भेजी जाने लगी, जबकि उन महिलाओं के पति जीवित है और वो खुद इस बात का प्रमाण दे रहे हैंं कि वह अभी मरे नहीं, बल्कि जीवित है. कुल मिलाकर समाजवादी पेंशन के नाम पर विधवा पेंशन घोटाले की सिर्फ बानगी सामने आई है, लेकिन इस पर अगर गहराई से जांच की जाए, तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है.


23 सुहागिन महिलाओं को कागजों पर बना डाला विधवा


दरअसल के ब्लाक मिर्जापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सरायं तालुका वानगांव मे विधवा पेंशन घोटाले का मामला सामने आया है. यहां करीब 23 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति अभी जिंदा हैं, लेकिन कुछ बाबुओं और प्रधान सहित उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से वो महिलाएं कागजों पर अब विधवा हो चुकी हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि वो महिलाएं और उनके पति खुद बोल रहे हैं. जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर इस गांव में वर्ष 2016 मे समाजवादी पेंशन देने के लिए 33 महिलाओं के कागजात लेकर उनको पात्र बताया गया था. तब से लगातार उनके खातों मे पेंशन भेजी जाने लगी, लेकिन धीरे-धीरे ग्रामिणों को पता चला कि 33 महिलाओं में से सिर्फ 10 महिलाएं ऐसी हैं, जो वास्तव मे विधवा हैं और उनको पेंशन देकर उनकी मदद की जा रही है, लेकिन 23 महिलाएं को पति जिंदा हैं. वर्ष 2016 में विभाग के बाबुओं और ग्राम प्रधान सहित उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से उन महिलाओं को विधवा दर्शाकर उनको पात्र बनाकर उनके खातों मे लगातार पेंशन भेजी जा रही है.


अनीता नाम की महिला का कहना


गांव की रहने वाली अनीता नाम की महिला का कहना है कि वर्ष 2016 मे गांव के प्रधान सहित एक दलाल ने पेंशन बनवाने के नाम पर कुछ जरूरी कागजात मांगे थे. उस वक्त ग्राम प्रधान ने समाजवादी पेंशन के फार्म भरने के लिए दिए थे. वह फार्म भरकर प्रधान को सौंपे थे. उसके बाद से उनके खातों में पैसा आने लगा, लेकिन पैसा आने के बाद जब पैसे निकालकर लाते थे, तब आधे पैसे प्रधान लेता था, लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जिनके खातों मे पैसा आता है और उनके निकाले बगैर ही पैसा निकल जाता है. हालांकि इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई.


ग्राम प्रधान पर लगे आरोप


वहीं, ग्राम प्रधान राजकिशोर से बात की तो उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. मेरे उपर लगने वाले आरोप निराधार हैं.


ग्रामिणों ने दलाल की भी संलिप्तता बताई 


ग्रामिणों ने इस पूरे प्रकरण में एक दलाल की भी संलिप्तता बताई है. अभी तक घोटाला सिर्फ एक गांव से निकलकर सामने आया है, लेकिन पूरे जनपद में विधवा पेंशन की जांच कराई जाए तो और एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है, जिसमें ग्राम प्रधान से लेकर सरकारी तंत्र भी लपेटे में आ सकता है. इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर की गई है, जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध रिकवरी करवाकर एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.


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