लखनऊः सिद्धार्थनगर जनपद में बर्डपुर ब्लाक के ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने मिलकर ग्रामीणों के हक पर डाका डाल दिया है. यहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर गांव में शौचालय का निर्माण करवाने का शासन ने निर्णय लिया था. लेकिन ग्राम सभा बरगदवा के प्रधान और सचिव है कि उनके कानों में प्रधानमंत्री की आवाज ही नहीं पड़ी.
शौचालय के पैसे में हेरफेर
ग्राम सभा में अब तक जो भी शौचालय बने हैं सभी आधे-अधूरे हैं, अगर हम नियम की बात करें तो शौचालय का पैसा लाभार्थियों के सीधे खाते में जाना चाहिए लेकिन लाभार्थियों के खाते में पैसा ना जाकर सेक्रेटरी के रहमों करम से प्रधान के जेब में पहुंच गया. जिसके बाद प्रधान और सेक्रेटरी सरकारी पैसे को हजम कर गए.
ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत का नतीजा
सरकार एक तरफ गांव-गांव में शौचालय के निर्माण में धनराशि जारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधी स्वच्छ भारत अभियान की योजनाओं को पलीता लगाने में जुटे हैं. सिद्धार्थनगर में एक ऐसा ही घोटाला सामने आया है जहां शौचालय का आधा पैसा प्रधान और सेक्रेटरी हजम कर गए. शौचालय के नाम जमकर हुई सरकारी पैसों की बंदरबांट में ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को जम कर पलीता लगाया है.
शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा
बता दें कि बर्डपुर ब्लॉक के ग्रामपंचायत बरगदवा के सभी टोलों में शौचालय निर्माण की धनराशि में जमकर बंदरबांट किया गया है. घोटाले के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय सिर्फ नाम का है जब कि शौचालय का निर्माण कार्य प्रधान जी ने ठेकेदारों से करवाया है जो किसी में दरवाजा तो किसी में सीट ही नहीं है, ऐसे में शौचालय का प्रयोग कोई कैसे करेगा.
गांव का नहीं हुआ विकास
आपको बताते चलें कि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि 1 साल से ऊपर शौचालय का निर्माण हो गया लेकिन अभी तक किसी भी शौचालय का प्रयोग नहीं किया जा रहा है और जब प्रधान जी से इस बारे में कहते हैं तो बात को टाल देते हैं ऐसे में हम ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, हमारे गांव में नाली की व्यवस्था नहीं है. घर के सामने गड्ढा बनाकर घर का पानी उसी गड्ढे में गिरा रहे हैं और जब गड्ढा भर जाता उसे निकालकर गांव के बाहर लेकर जाना पड़ता है. अगर देखा जाए तो हमारे गांव में अब तक किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ है, न तो नाली का निर्माण हुआ और न ही सड़क का ऐसा लगता है कि हम अब 19वीं सदी में जी रहे हैं. गांव में जगह-जगह आप को गन्दगी ही गन्दगी दिखाई देगी.
इस मामले को लेकर जब जिला अधिकारी दीपक मीणा तक बात गई तो उन्होंने कहा कि वह इस पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी नियुक्त कर देते हैं, जो भी मामला होगा उस पर कार्रवाई होगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
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