दूरदर्शन पर रामायण के साथ-साथ महाभारत को जबरदस्त टीआरपी मिल रही है। साल 1988 में आए बी.आर. चोपड़ा के इस सीरियल की शूटिंग के किस्से भी काफी पॉपुलर हैं। इस शो में सबसे अहम था महाभारत का युद्ध। इस युद्ध की शूटिंग के दौरान कई परेशानी का सामना करना पड़ा था। खासकर बिजली के खंभे सबसे बड़ी समस्या थी।



बीआर चोपड़ा और उनके बेटे रवि चोपड़ा ने इस शो को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। तब टेक्‍नोलॉजी आज जैसी नहीं थी, फिर से यह शो इतना प्रभावी बना क‍ि अभी भी असरदार है। इस सीरियल की शूटिंग के दौरान के वैसे तो कई किस्‍से हैं, लेकिन सबसे मजेदार वाकया है 'बिजली के खंभों' का।



बी.आर.चोपड़ा जब ट्राइल ले रहे थे तो हर बार फ्रेम में ये बिजली के खंभे आ जा रहे थे। दरअसल महाभारत काल में बिजली नहीं थी। बी.आर. चोपड़ा की तलाश जयपुर में जाकर खत्म हुई थी। जयपुर के पास उन्हें ये मैदान मिल गया था।



'महाभारत' की पूरी कहानी का सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है 'युद्ध'। पांडव और कौरव के बीच की इस लड़ाई को इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है। ऐसे में शो मेकर्स इस बात को लेकर बेहद सजग थे कि वॉर सीन की शूटिंग में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। लिहाजा, सबसे बड़ी समस्‍या थी एक ऐसे मैदान का चुनाव करना जहां युद्ध के सीन की शूटिंग हो सके।



वैसे, तो महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में लड़ा गया था। लेकिन बीआर चोपड़ा ने इसे फिल्‍माने के लिए पहले मुंबई में भी जगह की तलाश शुरू कर दी। वह युद्ध के सीन को ग्रैंड बनाना चाहते थे, इसलिए इसे फिल्‍म सिटी की बजाय लाइव लोकेशन पर शूट करने का फैसला किया गया। लेकिन सबसे बड़ी मुश्‍क‍िल बन गए बिजली के खंभे। महाभारत काल में बिजली नहीं थी। लेकिन जब लाइव लोकेशन की तलाश शुरू हुई तो कहीं भी इतना बड़ा खाली मैदान नहीं मिल रहा था, जहां फ्रेम में बिजली के खंभे नहीं आ रहे हों।



सूत्रों के अनुसार कई स्थानीय कलाकारों ने इसके लिए पैसे भी नहीं लिए थे। आपको बता दें कि महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था। ऐसे में इसके एक एपिसोड की शूटिंग 12-12 घंटे तक चलती थी।