15 फरवरी से उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में वन विभाग का कहना है कि जंगलों की आग को लेकर वो पूरी तरह से तैयार है. वन अग्नि सप्ताह के दौरान गांव-गांव जाकर लोगों को वनाग्नि को लेकर जागरूक किया गया है. साथ ही गांव के लोगों को आग लगने की सूचना भी तुरंत विभाग को देने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही आग लगाने वाले व्यक्ति की पहचान होने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. बताते चलें की उत्तराखंड में 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन का समय माना जाता है, जिस दौरान वन विभाग को विशेष सतर्क रहने के लिए कहा गया है.


उत्तराखंड में गर्मियों की आहट होते ही सिर्फ पर्वतीय जिलों में ही नहीं बल्कि देहरादून के पर्वतीय क्षेत्र चकराता, त्यूनी और कालसी के जंगल भी धधकने शुरू हो जाते हैं, जिसको देखते हुए देहरादून वन विभाग का कहना है कि वो पूरी तरह से तैयार है. देहरादून डीएफओ राजीव धीमान ने बताया की फायर सीजन को देखते हुए कंट्रोल बर्निंग और फायर लाइन के काम भी लगभग पूरे होने वाले हैं.


वन विभाग की टीम ने तैयारियां की तेज 


देहरादून में 32 फायर क्रू-स्टेशन हैं जिन्हें एक्टिव किया गया है. इसके साथ ही जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. वन विभाग की टीम पूरी मुस्तैदी से तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं इसको लेकर आपसी बातचीत भी की जा रही है. बता दें कि हर फायर सीजन के दौरान जान माल को नुकसान पहुंचने का खतरा अधिक रहता है.


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