(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वृन्दावन में साधु-संतों ने किया प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध, कहा- शाही स्नान के लिए यमुना में करें शुद्ध जल की व्यवस्था
वृन्दावन में ‘कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक’ के दौरान साधु-संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यमुना में शुद्ध जल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि यमुना में प्रदूषण के बढ़ जाने से स्नान करना काफी मुश्किल हो गया है.
मथुराः वृन्दावन में ‘कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक’ का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है. महासभा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए नौ मार्च को होने वाले अगले शाही स्नान से पहले यमुना में शुद्ध जल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है. महासभा का कहना है कि यमुना के जल को संत-महात्माओं के स्नान योग्य बनाने के लिए और अधिक पानी छोड़ा जाए.
महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा, यद्यपि राज्य सरकार ने कुम्भ पूर्व बैठक के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है, लेकिन यमुना में अत्यधिक प्रदूषण के कारण उसमें स्नान करना तो क्या, स्नान के लिए प्रवेश करना भी संभव नहीं हो पा रहा. कई स्थानों पर तो दूर से ही आ रही दुर्गंध के कारण वहां रुकना भी संभव नहीं है.
उन्होंने कहा, इसीलिए इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के अवसर पर पिछले शाही स्नान के दौरान 27 फरवरी को देवरहा बाबा घाट, यमुना में दूषित जल पाकर कई संत-महात्माओं ने स्नान नहीं किया. उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी भी दी थी कि यदि अगले स्नान पर्व तक यमुना के जल की स्वच्छता को ठीक नहीं किया गया तो वे स्नान नहीं करेंगे. फिलहाल तीसरा शाही स्नान 9 मार्च और चौथा व अंतिम स्नान 13 मार्च को होना है.
गौरतलब है कि इसके बाद सिंचाई विभाग ने अपस्ट्रीम से यमुना और गंगाजल की आपूर्ति करने वाली दो अलग-अलग नहरों के माध्यम से काफी पानी छोड़ा भी था. लेकिन उक्त नहरों की पटरी टूट जाने का खतरा पैदा हो जाने पर उन्होंने और ज्यादा पानी छोड़ने से हाथ खड़े कर दिए. वर्तमान में स्थिति यह है कि वृन्दावन में यमुना का जल काफी प्रदूषित है.
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