Lucknow News: बसपा सरकार के ताकतवर मंत्री और कभी मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा (Babu Singh Kushwaha) पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया है. 'ऑपरेशन बाबू साहब 2' के तहत पूर्व मंत्री की बेनामी संपत्तियां खंगाल रहे आयकर विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है. बंथरा के जुनाबगंज में बाबू सिंह कुशवाहा की 35 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति आयकर विभाग ने जब्त की है.
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाबू सिंह कुशवाहा की जुनाबगंज स्थित संपत्ति 1.6670 हेक्टेयर क्षेत्रफल की है. बाबू सिंह कुशवाहा ने ये संपत्ति अपने खास कानपुर के एक ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन और प्रॉपर्टी डीलर देशराज सिंह कुशवाहा के नाम पर खरीदी थी. आयकर विभाग ने पिछले साल मई से सितंबर तक बाबू सिंह कुशवाहा के कई करीबी लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. कानपुर में देशराज सिंह के घर पर छापेमारी के दौरान तमाम संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे जिसमें जुनाबगंज वाली जमीन के कागजात भी थे.
फर्जी तरीके से की गई थी जमीन की खरीद फरोख्त
आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जमीन की खरीद-फरोख्त फर्जी तरीके से की गई थी. जमीन कागजों में देशराज सिंह के नाम पर थी लेकिन इस पर असल कब्जा पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा का था. आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ था कि खरीद-फरोख्त के समय जमीन का सर्किल रेट 3.14 करोड़ रुपए था जबकि वर्तमान में इसकी कीमत 35 करोड़ रुपए के आसपास है.
आयकर विभाग के साथ ही जब सीबीआई और ईडी ने बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई तेज की तो आनन-फानन में कुशवाहा ने अपनी संपत्तियों को फर्जी तरीके से बेचने की साजिश रच डाली. जुनाबगंज की जमीन को बाबू सिंह ने स्टांप पेपर पर बेच दिया. इसके लिए 22 लाख रुपए के स्टांप पेपर लगाए गए. हालांकि, भुगतान के तौर पर 2 करोड़ रुपए के जो चेक लगाए गए, वो कभी कैश ही नहीं हुए.
आयकर विभाग ने जब इस जमीन के दस्तावेजों की जांच की तब खेल का खुलासा हुआ. आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने करीबी देशराज सिंह के नाम पर कई जिलों में करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्तियां खरीदी थीं. आयकर विभाग इन सभी संपत्तियों पर कार्यवाही की तैयारी कर रहा है.
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