Lucknow News: उत्तर प्रदेश के कुछ अधिकारियों के ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की थी. ये छापे राजधानी लखनऊ, कानपुर और दिल्ली में एक साथ 22 जगहों पर मारे गए थे. इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बताया गया था. जिन लोगों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी, उनमें से अधिकांश उद्योग विभाग, उद्यमिता विकास संस्थान, उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थान , यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट लिमिटेड और प्राइवेट सेक्टर के कुछ संस्थानों से जुड़े हैं.आयकर विभाग ने इन अधिकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई में मिले दस्तावेजों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है. इस कार्रवाई को ऑपरेशन बाबू साहेब पार्ट 2 नाम दिया गया है. 


छापे में किसके यहां क्या मिला 


सूत्रों के मुताबिक लखनऊ, कानपुर और दिल्ली में पड़े छापों के दौरान उद्योग विभाग के उपायुक्त राजेश यादव और उनके करीबियों के ठिकानों से मिले थे जमीनों के सौदे के दस्तावेज मिले थे. आयकर विभाग अब उन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है. कानपुर में राजेश यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी है. 


आयकर विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने लखनऊ में इंटेक्को कंपनी के ऑफिस में दस्तावेजों की जांच पड़ताल की थी. अधिकारी जमीन से जुड़े दस्तावेजों की गहराई से कर रहे हैं पड़ताल.आयकर विभाग की टीमें शुक्रवार को भी कुछ ठिकानों पर कार्रवाई कर सकती हैं.


ऑपरेशन बाबू साहब


इससे पहले 18 जून को उपायुक्त उद्योग राजेश यादव, मंगलानी ग्रुप और गोल्डन बास्केट फर्म पर आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई की थी.इस दौरान करोड़ों रुपये सीज किए गए थे.इनकम टैक्स के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के करीब एक दर्जन भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट उसकी रडार पर हैं. ‘आपरेशन बाबू साहेब’ में आयकर विभाग ने गोल्डन बास्केट फर्म, उपायुक्त उद्योग राजेश सिंह यादव के कंपनी बाग चौराहा के पास वीआइपी रोड पर स्थित आवास पर छापा मारा था. वह पिछले कई सालों से कानपुर में तैनात हैं.गोल्डन बास्केट के अंचित मंगलानी के घर से आयकर विभाग ने एक करोड़ 35 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी.


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