देशभर में आजादी के पर्व के उत्सव की धूम है और हर भारतवासी अपने तरीके से इस आजादी के जश्न को मनाने में लगा है. जश्न भी क्यों न हो, देश के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान के बाद देश को आजादी मिली और अब देशवासी इस आजाद भारत में खुली सांस ले रहे हैं. हमारे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान का फलस्वरूप है कि देश अब आजादी के 77 साल का सफर तय हुआ है.


पूरी दुनिया को लोकतंत्र का संदेश देने वाला भारत देश इकलौता ऐसा देश है, जहां सभी धर्म और वर्गों को समान अधिकार है और यही वो बात है जो भारत देश को दुनिया से अलग बनाती है. आज हमने देश की आजादी के 77 सालों का सफर तय किया है और यह सफर निरंतर जारी रहेगा. हर देशवासी आजादी के उत्सव को हमेशा यूं ही मनाता रहेगा.


डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने क्या कहा?


देश की आजादी के 77 साल पूरे हुए हैं और भारत देश की आजादी के 77 सालों का सफर कैसा रहा इस पर आगरा के डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष और एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना है कि आज हम देश की आजादी का महा उत्सव मना रहे हैं. हम अमृत महोत्सव अमृत काल को मना रहे हैं. आजादी से पहले हमारे पूर्वजों ने दूसरों के शासन में सांस ली. हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई लड़ी और हमें आजादी दिलाई और यही वजह है कि आज हम आजाद भारत के नागरिक कहलाते हैं. धीरे धीरे चीजें बदली हैं. आजादी के समय हमारे देश की हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी. कई सारी चीजें हमें बाहर से मंगानी पड़ती थी. पर धीरे धीरे देश की सभी सरकारों ने देश को मजबूत किया है.


''अपना देश तरक्की कर आगे बढ़ता चला जा रहा है''


आज हमारे पास बड़े बड़े मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईटी सेक्टर, विश्वविद्यालय, नामी कंपनियां है, जिससे देश तरक्की करने लगा और आगे बढ़ता चला जा रहा है. देश विकसित होता चला रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. आज हम विश्व पटल पर एक मजबूत स्थान पर हैं. मैं चाहता हूं कि शिक्षा के क्षेत्र में देश और मजबूत हो. हमारे विश्वविद्यालय में दूर दराज के जिलों के छात्र पढ़ने आते थे पर अब निजी विश्वविद्यालय ज्यादा है वो पुराने विश्व विद्यालय पर फर्क पड़ रहा है. 


गुलामी की जंजीरों को भारतीयों ने तोड़ा 


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ब्रज प्रांत के प्रांत सह मंत्री शुभम कश्यप का कहना है कि आजादी का दिन यानी राष्ट्रीय पर्व का है. कई दशकों तक भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश हुकूमत ने राज किया. भारतीय अपने ही देश में गुलामों की जिंदगी जी रहे थे. हालांकि भारतीयों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ते हुए क्रांति और आंदोलन किए जिससे हार मानकर अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया.


'लाखों मां ने अपने बेटे खोए तब ये आजादी मिली'


शुभम कश्यप ने कहा कि आजादी के लिए लंबा सफर तय करने वाले क्रान्तिकारियों का संघर्ष रंग लाया और देश को 1947 को आजाद कराया. लाखों मां ने अपने बेटे खोए तब ये आजादी आई है. लाखों बहनों ने अपने भाई खोए तब ये आजादी आई. अगर आज भारत को विश्वगुरु बनाना है तो देश के युवाओं को देश के लिए मरना नहीं होगा बल्कि आज के युवाओं को देश के लिए जीना होगा, तभी भारत पुन: विश्व गुरु बन पाएगा.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवा वही हैं जिसकी आंखों में सपने, मन में इरादे, हाथों में शक्ति, मुख पर सकारात्मकता का तेज हो अन्यथा तन से युवा तो कोई भी हो सकता है. भारत देश को फौज की जरूरत तो है परंतु वह फौज वैचारिक चिंतन में निपुण होनी चाहिए. भारत को विश्व पटल पर ज्ञान की कीर्ति से जगमग करने वाले महान भारतीयों के विचारों पर चल कर आज भारत का युवा वैश्विक पटल पर भारत को एक बार पुन: ‘विश्व गुरु भारत’ बनाने की ओर अग्रसर है.


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