Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस को लेकर देश भर में उत्साह देखा जा रहा है. सरकारी विभाग शिक्षण संस्थान प्रशासनिक दफ्तर में जोर-शोर से स्वतंत्रता दिवस को भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी की जा रही है. आजादी के 77 वर्ष पूरे होने पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रभक्ति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में एबीपी लाइव ने BHU छात्रों से स्वतंत्रता दिवस के 77 वर्ष पूरे होने पर खास बातचीत की है.
BHU के NSUI छात्र रोहित राणा आजादी के 77 वर्ष सफर पूरे होने पर कहते हैं कि इस 77 साल के भीतर भारत ने विकास के कई आयाम को सुनिश्चित किया हैं. हजारों चुनौतियों को पार करते हुए अपनी विकास यात्रा को स्तत आगे बढ़ने के लक्ष्य के तरफ बढ़ा हैं. हमें सोचना होगा कि जिस देश ने अपनी पहली बजट की शुरुआत मात्र 200 करोड़ के करीब से शुरू की थी आज वो 32 लाख के आंकड़ों को पार करने के साथ दुनिया के शीर्ष अर्थव्यस्था वाली श्रृंखला में पहुंच रहा हैं. जिस देश में आजादी के साथ मात्र 12 प्रतिशत की साक्षरता दर थी वो शिक्षा के अधिकार और तमाम सकारात्मक प्रयासों के साथ 75 प्रतिशत के करीब पहुंच चुका हैं.
जीवन यापन और चिकित्सा की बुनियादी सुविधा के लिए परेशान देश, जहां जीवन प्रत्याशा की औसत उम्र 32 साल थी. आज प्राथमिक चिकत्सा से लेकर तमाम AIIMS के नेटवर्क की सुविधा के बदौलत 70 वर्ष की औसत आयु तक पहुंचा हैं. अनाज के लिए कभी दूसरे देशों के तरफ देखने वाला भारत हरित क्रांति और दूसरे तकनीकी विकास के साथ आज न सिर्फ स्वालंबी हैं बल्कि दर्जनों उत्पादन में दुनिया के शीर्ष पर हैं.
बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष और जेल की यातना से निकलकर आज लाखों संस्थानों की निगरानी करने वाला देश भारत हैं. शुरुआती वर्षों से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपना कर नीति नियंताओं ने भारत को संपेरों के देश की छवि से बाहर निकाला जिसके फलस्वरूप आज भारत तकनीकी के क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में खड़ा है. ये विकास किसी एक दिन का घटना मात्र नहीं हैं, ये 77 साल के सभी सरकारों की स्तत प्रयास का नतीजा हैं.
साक्षरता दर के साथ लोगों की आय भी बढ़ी
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर BHU के शोध छात्र अभिषेक सिंह ने कहा कि आजादी के बाद इन 77 वर्षों में भारत के भौगोलिक, राजनैतिक, सामाजिक, सीमा सुरक्षा जैसे मामलों में काफी कुछ बदलाव हुआ है. देश की भौगोलिक स्थिति अर्थात भारत के नक्शे और उसकी सीमाओं की बात करें तो 77 साल के सफर में काफी कुछ बदला है. समय के साथ लगातार इसमें बदलाव आते रहे. हालांकि अंतरराष्ट्रीय सीमा की बात करें तो भारतीय मानचित्र में बहुत बदलाव नहीं आया, लेकिन देश के भीतर राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन की प्रक्रिया आजादी के बाद से ही चलती रही.
अभिषेक ने कहा कि जरूरत और मांग के हिसाब से नए-नए राज्यों का गठन होता रहा. हाल ही में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग कर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. वर्तमान में देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं. देश के नेताओं ने एजुकेशन फॉर आल का नारा दिया जो भिन्न-भिन्न कार्यक्रमों और संस्थाओं के माध्यम से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है. तब देश की साक्षरता दर 18 फीसदी थी और अब 78 फीसदी है. यानी चार गुना से भी अधिक वहीं आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार आया है पहले देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 274 रुपये थी, आज 1.72 लाख प्रति व्यक्ति आय है.
वहीं सीमा सुरक्षा के मामले में सीमा सुरक्षा बल के साथ-साथ लेजर सुरक्षा तकनीक और अधिक से अधिक मारक क्षमता वाले मिसाइल को विकसित किया गया. वर्तमान सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजना (मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, सुकन्या समृद्धि योजना, आयुष्मान भारत योजना, जननी सुरक्षा योजना) ने भी देश को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है. वहीं दूसरा कुछ बदलाव भारत के लिए हितकारी नहीं है जैसे बढ़ती जनसंख्या और अपराध, 40 करोड़ वाला भारत देश आज 140 करोड़ आबादी वाला देश हो गया. तब देश में प्रति लाख 152 संज्ञेय अपराध दर्ज थे अब 232 हो गया है.
भारत ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ
BHU के ABVP से जुड़े शोध छात्र पतंजलि पांडे ने कहा कि भारत ने 77 सालों में ऐतिहासिक सफर तय किया है. 70 के दशक में भारत को आपातकालीन व्यवस्था से भी जूझना पड़ा लेकिन भारत का संविधान डिगा नहीं. आज भारत गणित, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, खेल जैसे क्षेत्रों में तेज गति से आगे बढ़ने के साथ-साथ दुनिया के गंभीर परिस्थितियों में नेतृत्व भी कर रहा है और दुनिया के ताकतवर शक्तिशाली देश अपने देश की समस्या सुलझाने के लिए भारत की तरफ देखते हैं. यह मजबूत भारत की छवि को दर्शाता है. सबसे अधिक युवा आबादी वाले देश में अलग-अलग सीमाओं पर अनेक चुनौतियां होने के बावजूद आज भारत निडर होकर विकसित मार्ग पर आगे बढ़ रहा है. आने वाला सफर भारत के लिए और भी सुखद होगा.
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