Independence Day 2024: आज देश में 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है, जगह- जगह ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राजधानी लखनऊ में ध्वजारोहण किया है. गाजीपुर मे एक ऐसी जगह है जहां डोम राजा ध्वजारोहण करते हैं. मुहम्मदाबाद क्षेत्र के सुल्तानपुर मित्रसेन प्रधान श्मशान घाट पर पिछले कई सालों से ये परम्परा निभायी जा रही है. श्मशान घाट पर झण्डारोहण वहां के डोमराजा ही करते हैं. आज स्वतंत्रता दिवस पर डोमराजा आशिक ने यहां झण्डारोहण किया. डोमराजा के राष्ट्रीय ध्वज फहराते ही श्मशान घाट भारत माता की जय के नारों के साथ गूंज उठा.


मित्रसेन प्रधान अंत्येष्टि स्थल पर मुहम्मदाबाद क्षेत्र के लोग शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग शवों को जलाने की बजाय गंगा में प्रवाहित कर देते थे जिसकी वजह से गंगा प्रदूषित हो रही थी. इस अंत्येष्टि स्थल के बनने के बाद लोगों को शवों का अंतिम संस्कार जला कर करने के लिये प्रेरित किया गया और अबतक 10 हजार से ज्यादा शवों को गंगा में प्रवाहित करने की बजाय उनको जलाकर उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है. इस अंत्येष्टि स्थल से जुड़े लोगों की जागरूकता की वजह से गंगा में प्रदूषण बड़े पैमाने पर रुका है और यही वजह है कि इस अंत्येष्टि स्थल को राष्ट्रीय पर्वों से जोड़ दिया गया है और हर राष्ट्रीय पर्व पर यहां डोमराजा राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं.


श्मशान घाट पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन
यहां हर राष्ट्रीय पर्व पर इस परम्परा का निर्वहन किया जाता है साथ ही एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाता है. आज भी इस श्मशान घाट पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी प्रधान ने कहा कि इस अंत्येष्टि स्थल पर स्वच्छता का विशेष ध्यान देना चाहिये. उन्होंने कहा कि हमें माँ गंगा को भी प्रदूषण से बचाने का प्रयास करना चाहिये. यहां लोग अत्यन्त दुःख की घड़ी में आते हैं हमें यहां आने वाले लोगों से उचित व्यवहार करना चाहिये. पूर्व ग्राम प्रधान अविनाश प्रधान ने बताया कि सरकार माँ गंगा को स्वच्छ बनाने के लिये करोडों रुपया खर्च कर रही है. हमें भी गंगा को स्वच्छ बनाने में योगदान करना चाहिये. उन्होंने बताया कि जबसे इस अंत्येष्टि स्थल का निर्माण हुआ है इसमें 10 हजार से अधिक शवों को विसर्जित होने से रोका है. शवों को जलाकर उनकी अंत्येष्टि करने को लोगों को प्रेरित किया गया.


(आशुतोष त्रिपाठी की रिपोर्ट)


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