(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
15th August: शहादत देकर बचाई थी विजय भान ने अपने साथियों की जान, जानें- परिवार क्यों है परेशान
बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के गश्ती दल पर पीठ पीछे वार किया था. इस कार्रवाई में विजय भान सिंह शहीद हो गए थे.
Independence Day 2021: फिरोजाबाद के चमरौली गांव के रहने वाले शहीद विजय भान 1990 में बीएसएफ में शामिल हुए थे. विजय भान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के काकमरीचार में तैनात थे. पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फ्लैग मीटिंग के बाद बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के गश्ती दल पर पीठ पीछे वार किया था. इस उकसावे की कार्रवाई में उत्तर प्रदेश फिरोजाबाद के निवासी बीएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह शहीद हो गए, जबकि एक जवान घायल हुआ था.
भारतीय मछुआरे को रिहा नहीं किया
दरसअल, 17 अक्टूबर 2019 गुरुवार सुबह तीन भारतीय मछुआरे मछली पकड़ने पद्मा नदी में सीमावर्ती क्षेत्र में चले गए थे. इसके बाद दो मछुआरे लौट आए और उन्होंने काकमरीचार चौकी पर सूचना दी कि बीजीबी ने एक मछुआरे को हिरासत में ले लिया है. जिसके बाद पोस्ट कमांडर पांच जवानों के साथ बीएसएफ की बोट में बाउंड्री पिलर के निकट पद्मा नदी के वाटर चैनल में बीजीबी पेट्रोल पर गए. लेकिन, बीजीबी पेट्रोल ने भारतीय मछुआरे को रिहा नहीं किया और बीएसएफ टीम को भी घेरने की कोशिश की.
साथियों को बचाने के लिए आगे आ गए विजय भान
इसी दौरान बीजीबी के एक जवान ने पीछे से हमला किया. हमले को देखते हुए विजय भान अपने साथी जवानों को बचाने के लिए आगे आ गए और गोली उनके सिर में लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. विजय भान शहीद हो गएल और एक जवान घायल हो गया. शहीद जवान विजय भान के दो बेटे हैं. विजय भान करवाचौथ वाले दिन शहीद हुए थे एक दिन पहले ही उनकी पत्नी से बात हुई थी, लेकिन जब मीडिया गांव पहुंची तो वहां स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी. गांव में अंदर जाने का जो रास्ता था वो काफी खराब था और जलभराव हो रहा था.
सरकार ने की थोड़ी मदद
शहीद के गांव की स्थिति अंदर जाकर और ज्यादा खराब निकली. वहां एक तालाब था और तालाब का पानी गांव के अंदर घुस चुका था. बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पानी में होकर निकलना पड़ रहा थी. शहीद के भाई और पत्नी से बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार ने थोड़ी मदद की है. उनकी मूर्ति अनावरण के लिए सिर्फ चबूतरा ही बन पाया बाकी जितने रुपए लगे हैं उन्होंने खुद लगाया है. मूर्ति का अनावरण 17 अक्टूबर 2021 को होने की संभावना है. लेकिन, वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो पता चलता है कि जो जवान देश के लिए शहीद हो गया उस शहीद के गांव की हालत बद से बदतर है. शहीद विजय भान के परिवार वालों को भी पानी में होकर ही निकलना पड़ता है. शहीद विजय भान का एक लड़का एयरफोर्स में है और एक बेटा फिरोजाबाद जिला अधिकारी ऑफिस में क्लर्क के पद पर तैनात है.
पीछे से की फायरिंग
शहीद विजय भान के भाई सत्यवान ने बताया कि बांग्लादेश और भारत बॉर्डर पर एक नदी है. नदी 12 किलोमीटर की है 6 किलोमीटर बांग्लादेश में आती है, 6 किलोमीटर भारत में. 3 मछुआरे बांग्लादेश की नदी में चले गए थे, उनमें से एक को पकड़ लिया. 2 को भेज दिया था. एक को बचाने के लिए मेरा भाई जवानों के साथ गया था तो वहां बांग्लादेश के जवानों ने पीछे से फायरिंग कर दी. जवानों को बचाते समय मेरे भाई के सिर में गोली लग गई और वो शहीद हो गए. अभी विजय भान की मूर्ति का अनावरण नहीं हुआ है. जो मूर्ति बनी है सरकार ने बहुत थोड़ा पैसा दिया था बाकी सारा हमने खर्च किया है.
गांव में भर जाता है पानी
वहीं, गांव में रहने वाले प्रमोद नाम के शख्स ने बताया कि यहां पानी भर जाता है. गांव में घुसते ही हैं पानी भरा रहता है. ये शहीद का गांव है और स्थिती खराब है. लोगों को पानी में से निकलना पड़ता है. प्रधान से भी कहा लेकिन वो भी नहीं सुनता. शिकायत की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. एक अन्य ग्रामीण विनेश कुमार ने बताया कि लगातार बरसात हो रही है. पोखर का पानी गांव में आ गया है. लोग परेशान हैं.
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