लखनऊ, भाषा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश की सभी मदसरों में आजादी का जश्न मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने 15 अगस्त के दिन सभी मदरसों में स्वाधीनता दिवस का जश्न परम्परागत तौर पर मनाने और उसकी रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर शासन को देने के आदेश जारी किये हैं। मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने बुधवार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सभी उप निदेशकों और सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि वह अपने—अपने मंडल और जिलों में स्थित सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाने के निर्देश दें।
प्रदेश के वक्फ एवं हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने बताया कि राज्य के सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर अपने यहां झंडारोहण करने और राष्ट्रगान गाने, शहीदों को श्रद्धांजलि देने, स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालने, मदरसे के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत करने, स्वतंत्रता दिवस की पृष्ठभूमि और जंग—ए—आजादी में हिस्सा लेने वाले सेनानियों और शहीदों के बारे में जानकारी देने, मदरसों में छात्रों द्वारा पौधरोपण करने, राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करने को कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मदरसों को इन सारे कार्यक्रमों की पूरी रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर शासन को उपलब्ध करानी होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार मदरसा विद्यार्थियों को पुरस्कृत करेगी।
रजा ने कहा 'हम देशभक्ति को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं। मदरसों के बच्चों में भी देशप्रेम और वतन की मुहब्बत होनी चाहिये।' वहीं, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया उत्तर प्रदेश के महासचिव दीवान साहब ज़मां ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। हालांकि पहले बोर्ड की तरफ से इस तरह की हिदायत हर साल जारी नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि अगर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रिपोर्ट मांगते हैं तो वह जरूर दी जाएगी, लेकिन अगर स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के सुबूत मांगेंगे तो इस पर आपत्ति होगी। अगर हमसे प्रमाण मांगना है तो प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों से भी मांगें।
ज़मां ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद से ही मुल्क के तमाम मदरसों में आजादी का जश्न मनाया जाता है। यह जाहिर तौर पर हमारे लिये बेपनाह खुशी का मौका है। बतादें कि प्रदेश में 16 हजार 461 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। उनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है।