Rapid Rail: दिल्ली मेरठ के अब और नजदीक हो जाएगी. जाम की समस्या भी नहीं सामने आएगी. मेरठ से दिल्ली रोजाना अप डाउन करना बेहद आसान हो जाएगा. दिल्ली से मेरठ आकर रहना और नौकरी पर जाना अब मुश्किल नहीं होगा. यात्रियों को उम्मीदों की रैपिड रेल की सौगात मिलने जा रही है. रैपिड रेल दिल्ली मेरठ की तरक्की की ट्रेन होगी. एनसीआर और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए भी एक बड़ा प्लेटफार्म होगा. रैपिड रेल दिल्ली की दूरी ही नहीं घटाएगी बल्कि रोजगार के अवसर भी लाएगी. देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी आरआरटीएस का काम तेजी से चल रहा है. 


1 घंटे से भी कम समय में मेरठ-दिल्ली का होगा सफर


मेरठ से दिल्ली जाने और दिल्ली से मेरठ आने के लिए लोगों को पापड़ बेलने पड़ते थे. 4 से 5 घंटे का सफर, दिक्कतें अलग और जाम लगने पर भगवान ही मालिक. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ने  मुश्किल को दूर किया और करीब 1 घंटे में दिल्ली नजर आने लगी. लेकिन अब सफर कुछ और महीनों में 1 घंटे से भी बेहद कम का होने जा रहा है. मोदीपुरम से लेकर दिल्ली तक रैपिड रेल का काम रफ्तार पकड़े हुए है. मेरठ में करीब साढ़े पांच किलोमीटर रैपिड रेल जमीन के अंदर से भी होकर गुजरेगी. इसके लिए सुरंग बनाने का काम बहुत तेजी से चल रहा है.


विदेशी तकनीक की सुदर्शन मशीन से सुरंग की खुदाई


सुरंग बनाने के लिए विदेशी टेक्नोलॉजी की सुदर्शन मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुदर्शन मशीन 50 फिट नीचे जमीन का सीना छलनी करते हुए आगे बढ़ रही है..काम मुश्किल जरूर है लेकिन टेक्नोलॉजी की बदौलत आसान हो गया है. लोगों को पता ही नहीं की उनके घर के नीचे रैपिड रेल की सुरंग जा रही है. सुदर्शन मशीन की वजह से मिट्टी को काटना और आगे बढ़ना आसान हो गया है. मशीन कुछ फीट की दूरी में जैसे ही रास्ता बनाती है वैसे ही ब्लॉक लगाकर सुरंग को गोलाई दे दी जाती है.


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सुदर्शन मशीन की वजह से ही रैपिड रेल का काम अंडरग्राउंड रफ्तार भरे हुए है. मजदूर भी रात-दिन एक कर काम को अंजाम तक पहुंचाने में लगे हैं. मिट्टी काटने या सुरंग के भीतर सामान सप्लाई का काम लोको ट्रेन कर रही है. मेरठ में एक तरफ भैसाली मैदान से मेट्रो प्लाजा तक सुरंग बन रहा है और दूसरी तरफ भैसाली से बेगमपुल तक सुरंग बन रहा है. एक सुरंग गांधी बाग से बेगमपुल तक आ जा रही है. रैपिड रेल के सबसे बड़ा स्टेशन बेगमपुल का काम भी रफ्तार पकड़ रहा है. अब आपको मेरठ से दिल्ली की तरफ लेकर चलते हैं. आपको बताते हैं मेरठ से दिल्ली के रास्ते में रैपिड रेल के कितने स्टेशन होंगे और क्या होगी खासियत. 


दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल के ट्रैक की लंबाई 82 किलोमीटर


कुल 34000 हजार (34 हजार) करोड़ रुपए की है प्रोजक्ट लागत


2800 पिलर होंगे तैयार, 1700 पिलर हो चुके हैं तैयार


41 किलोमीटर में बन चुके हैं पिलर, 70 किमी ट्रैक होगा एलिवेटेड


2023 में दुहाई से साहिबाबाद तक चलेगी रैपिड रेल


मेरठ से दिल्ली के बीच चलाई जाएंगी 30 रैपिड रेल


180 किलोमीटर प्रति घंटे रैपिड रेल की होगी रफ्तार


दिल्ली से मेरठ के बीच होंगे 17 स्टेशन


दिल्ली में काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक चलेगी रैपिड रेल


मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से मेरठ रैपिड के साथ साथ मेट्रो भी


मेरठ में मेट्रो ट्रेन के 13 स्टेशन होंगे


मोदीपुरम से मेरठ साउथ तक मेट्रो चलेगी


रैपिड आउट मेट्रो का काम भी तेजी के साथ-साथ चल रहा है


मेरठ में 21 किलोमीटर लंबा होगा मेरठ मेट्रो का ट्रैक


मेरठ की सीमा से रैपिड ट्रेन गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश कर मोदीनगर के दो स्टेशन पर रुकेगी. पीयर के ऊपर सिंडिकेट रखने का काम तेजी से चल रहा है. मेरठ से दिल्ली की तरफ जितना आगे बढते जा रहे हैं उतना ही काम पूरा होता हुआ और रफ्तार पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. मोदीनगर के बाद मुरादनगर में बस एक स्टेशन पर ही रैपिड रेल रुकेगी. 


मुरादनगर से आगे दुहाई रैपिड रेल पहुंचेगी. दुहाई में 6 कोच वाला रैपिड रेल के ट्रेन का सेट खड़ा है. रैपिड रेल की हरी झंडी मिलते ही दिल्ली और मेरठ के सफर पर निकल पड़ेगी. सफर भी ऐसा होगा कि पता ही नहीं चलेगा कि कब मेरठ से दिल्ली पहुंच गए और कब पलक झपकते ही मेरठ से दिल्ली आ गए. 


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