भारत-उज्बेकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ शुरू, आतंकवाद पर लगाम लगाना होगी प्राथमिकता
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच दस दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास का शुभारंभ हुआ है. यह सैन्य अभ्यास उत्तराखंड के रानीखेत के चौबटिया में शुरू हुआ है. इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का नाम "डस्टलिक -2" रखा गया है. संयुक्त सैन्य अभ्यास का पहला संस्करण नवंबर 2019 में ताशकंद में हुआ था.
रानीखेतः भारत-उज्बेकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास "डस्टलिक -2" का दूसरा संस्करण रानीखेत के चौबटिया में शुरू हुआ. जिसमें भारत की तरफ से 13 कुमाऊं के 45 जवान और अधिकारी और उज्बेकिस्तान की ओर से सेंट्रल मिलेट्री यूनिट के 45 जवान व अधिकारी भाग ले रहे हैं. आज दोनों देशों के राष्ट्रीय गान के साथ सैन्य अभ्यास का शुभारंभ किया गया. संयुक्त सैन्य अभ्यास का पहला संस्करण नवंबर 2019 में ताशकंद में हुआ था.
आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त सैन्य अभ्यास
मेजर जनरल एस के शर्मा ने कहा कि, आज का यह दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उज्बेकिस्तान के साथ भारत के संबंध बहुत पुराने हैं. आज पूरा विश्व आतंकवाद का सामना कर रहा है. इसी को लेकर यह अभ्यास किया जाएगा. यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. दस दिन के इस अभ्यास के दौरान मेन फोकस काउंटर टेरेरिज्म और काउंटर इमरजेंसी पर रहेगा.
दस दिनों तक चलेगा सैन्य अभ्यास
उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से रेजांगला बटालियन इसमें हिस्सा ले रही है जो कि काफी फेमस बटालियन है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा भारत का उज्बेकिस्तान से बहुत गहरा रिश्ता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में चौबटिया में दोनों देशों की सेनाओं को देश में हो रही आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के बारे में बताया जायेगा. वहीं उज्बेकिस्तान के सैन्य लीडर कर्नल कामिलोव अजीज ने कहा कि इस 10 दिवसीय अभ्यास में हमें भारतीय सेना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
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