बस्ती: बंगाल से उत्तराखंड तक ग्रीन कॉरीडोर का निर्माण शुरू हो गया है. सेना की क्विक कांबिंग और मूवमेंट को देखते हुए गृह मंत्रालय ने ये निर्णय और काम युद्धस्तर पर शुरू किया है. बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा से होते हुए उत्तराखंड तक पहुंचने वाली इस सड़क में मंडल के सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले शामिल किए गए है.


परियोजना की लागत 1621 करोड़ है
इंडो नेपाल बॉर्डर कॉरिडोर परियोजना की लागत 1621 करोड़ है जिसमें 112 छोटे और 35 बड़े पुल भी बनाए जाने हैं. गोरखपुर और बस्ती मंडल में 13 ब्रिज बनेंगे जिनसे सिद्धार्थनगर के तीन पुलों पर कार्य शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है. इसका मकसद है कि विषम परिस्थितियों में सेना की अनुमति पर ही इस रूट पर अन्य आवागमन संभव हो सकेगा.


पीएम ने दिए हैं निर्देश
देश की सीमा सुरक्षा को लेकर तंत्र सक्रिय हो गया है. प्रधानमंत्री ने इसके लिए तमाम निर्देश दे रखें हैं. गृह मंत्रालय भी उनके सुर में सुर मिला रहा है. हाई सेंस्टिविटी इंडो चाइना और इंडो नेपाल से सटे सीमाई इलाकों के क्षेत्र पर क्विक कांबिंग हो सके और सेना की क्विक मूवमेंट बनी रहे इसे लेकर बंगाल से लेकर उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे चीन और नेपाल सीमा पर 640 किमी लंबी सड़क बनाने का निर्णय गृह मंत्रालय ने लिया है. पूरी परियोजना पर जहां 1621 करोड़ रुपये सुरक्षा की दृष्टि से खर्च होगा तो वहीं इस परियोजना पर सेना के लिए यातायात को सुगम बनाने के लिए 112 छोटे 35 बड़े पुलों के निर्माण का लक्ष्य भी रखा गया है. गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुछ जिले भी इस परियोजना में शामिल हैं.


चीन पर है फोकस
लंबे समय से भारत चीन और नेपाल सीमा पर सेना की गतिविधियां न सिर्फ सक्रिय हुई हैं, बल्कि जाबांज जवानों की बहादुरी से देश की सीमाएं पूरी तरह से विषम स्थितियों से भी सुरक्षित र‌ही हैं. सीमा की सुरक्षा और चौकस हो इसे लेकर केंद्र सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया है. आयुक्त अनिल सागर ने बताया कि महानिर्माण योजना के तहत देश की सबसे महत्वाकांक्षी बॉर्डर सड़क परियोजना शुरू किए जाने की कवायद को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी गई. परियोजना का निर्माण करवा रही एजेंसी सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि चीन से युद्ध की परिस्थिति से निपटने के लिए इस कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है.


ये भी पढ़ें:



उत्तराखंड: पौड़ी में गुलदार की दहशत, शाम होने से पहले ही घरों में दुबक जाते हैं लोग