वाराणसी. भारत-जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष हाईटेक कंवेंशन सेंटर काशी में बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे जब 2015 में काशी आए थे तब इसकी नींव पड़ी थी. रुद्राक्ष अब तैयार है और अब इसे उद्घाटन का इंतजार है. जापानी कंपनी के सहयोग से काशी में ये अब बनकर पूरी तरह से तैयार है.


क्या है खासियत
रुद्राक्ष इमारत वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में बनाई गई है. महादेव की नगरी को आधुनिकता का रूप प्रदान करती ये इमारत खास है. रुद्राक्ष का स्वरूप अपने आप मे खास है. इसे हाईटेक कंवेंशन सेंटर कह सकते हैं. यहां 1200 लोग एक साथ बैठकर मीटिंग कर सकेंगे. इसकी लागत लगभग 186 करोड़ रुपये है. इसमें लगने वाली कुर्सियां वियतनाम से मंगाई गई हैं. तीन एकड़ में तैयार इस भव्य इमारत में 108 एल्युमिनियम से बने-बड़े रुद्राक्ष लगाए गए हैं जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं. इसमें अंदर जाने के लिए सुरक्षा के बेहद खास बंदोबस्त हैं. बाहर सिक्योरिटी चेकिंग के बाद अंदर जाने की अनुमति होगी. वातानुकूलित बिल्डिंग में हाई सिक्योरिटी कैमरे लगाए गए हैं. काशी आने वाले पर्यटक इस इमारत में संगीत और कला और नाटक का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके अलावा मुख्य द्वार पर दिव्यांगों के लिए ह्वील चेयर की व्यवस्था की गई है. 120 गाड़ियां इस बिल्डिंग में पार्क की जा सकेंगी.


रुद्राक्ष की खासियत ऐसी है कि किसी को भी आकर्षित कर ले. इसका काम पूरा है और अब ये बनकर तैयार है. हालांकि कोरोना के चलते इसका उद्घाटन थोड़ा लेट है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम इसके उद्घाटन से काशी और एक और सौगात जरूर देंगे.


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