एबीपी गंगा। आज राष्ट्रीय सेना दिवस है। हर साल 15 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है। लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर सेना दिवस है क्या और ये 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। आइए इस सवालों के जवाब जानते हैं। बताते चलें कि यह 72वां सेना दिवस है।


क्यों मनाया जाता है ?
दरअसल, राष्ट्रीय सेना दिवस, उस ऐतिहासिक दिन की याद में मनाया जाता है जब जनरल करिअप्पा ने साल 1949 में पहली बार भारतीय सेना की कमान संभाली थी। बता दें कि इस दिन तक सेना की कमान अंग्रेज अधिकारी सर फ्रांसिस रॉबर्ट रॉय के हाथ में थी। जो कि आखिरी हमारे देश की सेना के आखिरी अंग्रेज जनरल थे। यहां ये भी काबिल-ए-गौर है कि भारत की आजादी के तुरंत बाद ही सेना की कमान नहीं मिली थी।


कैसे मनाते हैं ?
आर्मी दिवस या यूं कहें कि सेना दिवस पर एक बहुत बड़ा आयोजन होता है। सेना दिल्ली कैंटोनमेंट में परेड करती है। इस साल परेड का निरीक्षण सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे करेंगे। यह भी पहला मौका होगा जब इस साल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद होंगे। बता दें कि जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं।


इस साल और क्या खास है ?
इस साल कैप्टन तानिया शेरगिल, परेड का नेतृत्व करेंगी। इस परेड में स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन होगा। इसके अलावा परेड में कॉम्बैट स्किल्स का भी प्रदर्शन होगा। वहीं, परेड के समापन पर करिअप्पा ग्राउंड में वीरता पुरस्कार (गैलेंटरी अवॉर्ड) भी दिए जाएंगे।