नई दिल्ली, एबीपी गंगा। विदेशों में फंसे भारतीयों की वतन वापसी की प्रक्रिया आज से शुरू होगी। आज दो फ़्लाइट से 350 लोग देश वापस लौटेंगे। करीब एक हफ्ते तक चलने वाले इस अभियान में फिलहाल 64 उड़ानों और कुछ नौसैनिक पोत के जरिए लोगों को वापस लाने की तैयारी की गई है। एक सप्ताह में 64 उड़ानों के जरिए देश के 10 सूबों में 14500 से अधिक भारतीय वापस लौटेंगे। सबसे ज़्यादा 15 फ्लाइटें केरल पहुंचेंगी। दिल्ली-एनसीआर और तमिलनाडु के लिए 11 प्रत्येक, तेलंगाना 7 और गुजरात 5 उड़ानें पहुंचेंगी। बांग्लादेश से करीब 600 जम्मू-कश्मीर के 600 नागरिकों की भी वापसी होगी जिनमें कई छात्र शामिल हैं।
सबसे ज़्यादा 2100 नागरिक अमेरिका से लाए जाएंगे। वहीं संयुक्त अरब अमीरात से 1600 नागरिक वापस लौटेंगे। वापसी प्लान में प्राथमिकता उन लोगों को दी जा रही है जिनके साथ कोई मजबूरी या मुश्किल है। खड़ी देशों के अलावा मलेशिया, सिंगापुर, फिलिपीन्स जैसी पूर्वी एशियाई मुल्कों और अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से भी पहले दौर की फ्लाइट में लोगों को लाया जा रहा है। मालदीव से भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत 700 भारतीय नागरिकों को लेकर आएगा यह पोत 8 मई को माले से कोच्चि के बीच चलेगा। नौसेना पोत के जरिए होने वाली यात्रा का खर्च सरकार वहन करेगी।
सबके लिए वतन वापसी का यह सफर मुफ्त नहीं होगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, लंदन से मुंबई आने वाले व्यक्ति को 50 हज़ार और शिकागो से दिल्ली आने वाले शख्स को 1 लाख रुपए देने होंगे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि उड़ान से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। जिन भारतीयों में खांसी, बुखार या सर्दी के लक्षण पाए जाते हैं उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, भारत आने के बाद इन लोगों को 14 दिनों तक अस्पताल या किसी अन्य स्थान पर क्वारंटीन में रखा जाएगा।