वाराणसी में घंटों की देरी से चल रही हैं आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेन, सामने आई ये वजह
Indian Railway: पिछले कई दिनों से प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम चल रहा है जिसकी वजह से बीते 18 अक्टूबर से वाराणसी से आवागमन करने वाली लगभग आधा दर्जन ट्रेन लेट चल रही हैं.
Indian Railway Train Time: पिछले कुछ दिनों से वाराणसी स्थित कैंट रेलवे स्टेशन, बनारस रेलवे स्टेशन और सिटी स्टेशन से आवागमन करने वाली लगभग आधा दर्जन ट्रेन घंटों देरी से चल रही है, जिसकी वजह से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें देश की सबसे चर्चित ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल हैं जो अपने गंतव्य तक तकरीबन 15 घंटे की देरी से पहुंच रही है लेकिन राहत की बात ये है आज से इस समस्या हल होने की उम्मीद है, जिसके बाद ये ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलने लगेंगी.
दरअसल पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम चल रहा है जिसकी वजह से बीते 18 अक्टूबर से वाराणसी से आवागमन करने वाली लगभग आधा दर्जन ट्रेन घंटों लेट बताई जा रही है. इनमें वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेन भी शामिल है जो तकरीबन 15 घंटे से अधिक समय लेट होकर अपने गंतव्य पर पहुंच रही है.
आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें लेट
इसके अलावा लेट होने वाली ट्रेनों में उपासना एक्सप्रेस- 3 घंटे, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस- 4 घंटे, ताप्ती गंगा- 3 घंटे, दानापुर आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस- 6 घंटे, कामायनी एक्सप्रेस- साढ़े पांच घंटे तक की देरी से चल रही हैं. राजधानी दिल्ली से बिहार तक आवागमन करने वाली इन ट्रेन के लेट होने की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इन तमाम परेशानियों के बीच अब रेल यात्रियों के लिए राहत की बात सामने आई है, बताया जा रहा है कि आज से वाराणसी-प्रयागराज रूट पर चलने वाली ट्रेन अब अपने निर्धारित समय से चलना शुरू हो जाएगी. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में भी सफर करने वाले यात्री अपने निर्धारित समय अनुसार ही गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. वहीं आने वाले प्रकाश पर्व दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर भी बड़ी संख्या में लोग मुंबई, गुजरात, दिल्ली व बड़े शहरों से उत्तर प्रदेश बिहार के लिए सफर करेंगे.
रेलवे ने इस बार त्योहारों पर भी अतिरिक्त ट्रेन चलाने का भी ऐलान किया है. उम्मीद है कि इससे त्योहारों पर अपने घर लौटने वाले लोगों राहत मिलेगी और ज़्यादा से ज़्यादा लोग कंफर्म सीट के साथ रेल में यात्रा कर पाएंगे.