Demand for Indina Rakhi : रक्षाबंधन पर्व भाई बहन के अटूट प्यार की मिसाल है. इस पर्व पर बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती है. लेकिन इस बार बाजार में किन राखियों की धूम है, बहनें सबसे ज्यादा किन राखियों को पसंद कर रही हैं. इसकी पड़ताल के लिए एबीपी गंगा ने बाजार में जाकर और बहनों से बात कर उनकी पसंद जानने की कोशिश की.  


भारतीय राखियों की धूम


वैसे तो इस बार बाजार में भारतीय राखी की काफी ज्यादा धूम है. क्योंकि बहने इस बार चाइनीज राखी को बिल्कुल पसंद नहीं कर रही हैं और उनकी पहली पसंद भारतीय राखी हैं, और यही वजह है कि, इस बार मार्केट में करीब 200 तरह की भारतीय राखियां मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन उनमें से चंदन राखी, राम राखी, सीताराम राखी, साईं राखी, देवर भाभी राखी ,भैया राखी, व कलावा राखी सबसे ज्यादा बिक रही हैं. 


बाजार में तरह-तरह की राखियां


छोटे भाइयों के लिए डोरेमोन और छोटा भीम राखी सबसे ज्यादा बहने पसंद कर रही हैं. राखियों के मार्केट में जहां एक से बढ़कर एक वैरायटी को रखने के लिए दुकानदारों में होड़ है, तो वहीं बहनें भी इस बार चाइनीज राखियों को बाय बाय कर इंडियन राखियों को खरीद रही हैं. उनका मानना है कि, हम सभी को भारतीय बाजार को बढ़ावा देना चाहिए ताकि, हमारे मुल्क का पैसा हमारे मुल्क में रहे. 


रक्षाबंधन त्यौहार पर हर बहन की यही इच्छा होती है कि, वह अपने भाई की कलाई पर वो राखी बांधे जो सबसे अलग हो और यही वजह है कि बहने अपने भाइयों के लिए राखी दुकानों पर काफी खोजबीन के बाद खरीदती हैं. 


चाइनीज राखी नदारद


हालांकि, एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान राखी बेच रहे दुकानदारों ने कहा कि, इस बार शुरू से ही इंडियन राखी को सबसे ज्यादा अहमियत मिली है. और जो भी खरीददार राखी खरीदने आया है उसने इंडियन राखी ही पसंद की है. यही वजह है कि इस बार मार्केट में पूरी तरह से चाइनीज राखी नदारद हैं. 


दुकानदारों ने बताया कि, इंडियन राखी में कलावा राखी, छोटा भीम, डोरेमोन, के अलावा चंदन राखी व देवर भाभी राखी के साथ-साथ राम और सीता राखी को लोग खूब खरीद रहे हैं. 


कोरोना प्रोटोकॉल का पालन


कोरोना वैश्विक महामारी ने जहां सभी त्योहारों और पर्वों को प्रभावित किया है. वहीं, रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर भी बहने काफी ज्यादा जागरूक हैं और वो भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही मार्केट में खरीददारी करती हुई नजर आ रही है. साथ ही बहने ये दुआ भी कर रही हैं कि, भाई-बहन के इस प्यारे पर्व पर इस महामारी से लोग बचे और जागरूक होकर ही अपना त्यौहार मनाए. 


राखियों पर महंगाई का असर 


कुछ बहनों ने महंगाई को लेकर भी आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि, सरकार महंगाई पर जल्द से जल्द काबू पाएं, क्योंकि महंगाई की वजह से ही राखियां इतनी महंगी हो गई हैं कि, कुछ बहने मनपसंद राखियां भी नहीं खरीद पा रही हैं. क्योंकि जो राखियां पहले 10, 20, 50 रुपए में मिलती थी वह राखियां अब 200- 300 रुपये में मिल रही हैं. 


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