90 के दशक के इन सीरियल को देखने के लिए लोग छोड़ देते थे अपने काम, आज भी इन शो को किया जाता है याद
लॉकडाउन के दिनों में सभी लोग अपने पुराने सीरियल को देख पुरानी यादें ताज़ा कर रहे हैं और पुराने शो को देखने का मानों एक बार फिर से चलन शुरु हो गया हो।
पूरे देशभर में लॉकडाउन जारी है जिसरी वजह से सभी दर्शक पुराने शो को खोज कर उसे दोबारा टेलीकास्ट करने के लिए अपील भी कर रहे हैं। इस लॉकडाउन में ऐसा लग रहा है जैसे पुराने शो का एक बार फिर से चलन शुरु हो गया है। कई चैनल पर पुराने सीरियल को टेलीकास्ट किया जा रहा है। या आप ये भी कह सकते हैं कि नए एपिसोड न होने के कारण 90 के दशक के सीरियल के काम चलाना पड़ रहा है। क्यों आपको मालूम है 90 के दशक के ऐसे शो है जिसको देखने के लिए लोग अपने सभी जरुरी काम छोड़ देते थे कौन से है वो सीरियल?
विक्रम और बेताल
हमारी इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है शो ‘विक्रम और बेताल’ जी हां ये शो सागर आर्ट्स के बैनर तले बना था और इसको टेलीकास्ट 80 के दशक में किया गया था। ये सीरियल राजा विक्रमादित्य की कहानी पर आधारित थी। इसमें मुख्य कलाकार अरुण गोविल, अरविंद त्रिवेदी, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी और विजय अरोड़ा थे। बाद में इन सभी कलाकारों को सीरियल ‘रामायण’ में देखा गया था।
पोटली बाबा की
अब दूसरे नबंर पर बारी आती है शो ‘पोटली बाबा की’ जिसे गुलजार के निर्देशन में बनाया गया था। इस शो को साल 1991 में टेलीकास्ट किया गया था। आपको बता दें, इस शो का टाइटल ट्रैक 'आया रे बाबा' को गुलजार साहब ने लिखा था। बच्चों के इस सीरियल में 'अली बाबा चालीस चोर' जैसी कई कहानियां दिखाई गईं थीं।
अलिफ लैला
सीरियल 'अलिफ लैला' को आज भी लोगो के बीच पसंद किया जाता है। इस शो के बच्चे क्या बड़े भी फैन हो गए थे। इस शो को साल 1993 से लेकर 1997 तक दिखाया गया था। 'अलिफ लैला' 90 के दशक के मशहूर शो में से एक है। इसका निर्देशन प्रेम सागर के बेटों ने किया था।
चंद्रकांता
साल 1994 से लेकर 1996 में एक शो को टेलीकास्ट किया गया था जिसका नाम था ‘चंद्रकांता’। इस सीरियल को देखने के लोग इतने पागल हो गए थे कि वो अपने सभी जरुरी काम को एक साइड रख कर टीवी के सामने बैठ जाते थे। 'चंद्रकांता' सीरियल बाबू देवकीनंदन खत्री के इसी नाम के उपन्यास पर बना था। सीरियल में नौगढ़ और विजयगढ़ की कहानी दिखाई गई थी।