Indian Territorial Army Cycle Yatra in Agra: भारतीय प्रादेशिक सेना की 75वी वर्षगांठ के अवसर पर सेना की ओर से ऐतिहासिक साइकिल यात्रा निकाली जा रही है, जिसमें बर्फीली पहाड़ियों से लेकर समुद्र तट तक की साइकिल यात्रा की जा रही है. देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक साइकिल यात्रा पहुंच रही है, जिसका आज आगरा किले पर स्वागत हुआ. भारतीय प्रादेशिक सेना की एक टुकड़ी ऐतिहासिक साइकिल यात्रा पर निकली है. सियाचिन लेकर समुद्र के तट अंडमान निकोबार के आखिरी आइलैंड तक लंबी यात्रा निकाली जा रही है. सियाचिन से होते हुए भारतीय प्रादेशिक सेना की टुकड़ी दिल्ली होते हुए आज आगरा पहुंची और आगरा में सैन्य अधिकारियों ने साइकिल यात्रा का स्वागत किया.
आगरा में कमांडिंग ऑफिसर संध्या यादव के नेतृत्व में साइकिल यात्रा का स्वागत किया गया. यह साइकिल यात्रा भारतीय प्रादेशिक सेना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आम जनों को प्रादेशिक सेना से जोड़ने के लिए साइकिल यात्रा निकाली जा रही है. यह साइकिल यात्रा करीब 5500 किलोमीटर की है, जिसे प्रादेशिक सेना के सैन्य अधिकारी लेकर निकले हैं. प्रादेशिक सेना के अधिकारी प्रति दिन करीब 100 किलोमीटर साइकिल चलाकर आगे बढ़ते जा रहे हैं. प्रादेशिक सेना की साइकिल यात्रा आज आगरा पहुंची और कल आगरा से ग्वालियर के लिए आगे जायेगी.
क्या है साइकिल यात्रा का उद्देश्य?
प्रादेशिक सेना की साइकिल यात्रा का नेतृत्व कर रहे मेजर ए एस रावत ने बताया कि साइकिल यात्रा का उद्देश्य है कि हमारी 75वी वर्षगांठ का मौका है और हम पहाड़ों से लेकर समुद्र तक की साइकिल यात्रा कर रहे है, जिसकी दूरी करीब 5500 किलोमीटर है. यात्रा के जरिए हम लोगों को जागरूक करना चाहते हैं और प्रादेशिक सेना से कैसे आम लोग जुड़ सकते हैं इसको लेकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जब हम साइकिल यात्रा पर निकले तो जहां-जहां से हम निकल रहे हैं वहां पर आम लोगों का उत्साह देख कर हमारा मनोबल बढ़ता जा रहा है. लोगों का सहयोग, स्वागत हमें ताकत दे रहा है. आम लोग जब हमारे पास आते हैं तो वो पल भावुक करने वाला होता है.
आम लोग भी प्रादेशिक सेना में हो सकते हैं शामिल?
प्रादेशिक सेना साइकिल यात्रा को लेकर आगरा किले की कमांडिंग ऑफिसर संध्या यादव ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों को पता चले कि प्रादेशिक सेना के कितने अंग है. सिटीजन आर्मी से आम लोग कैसे जुड़ सकते हैं. आम लोग सिटीजन आर्मी में आ सकते हैं, जिससे वह अपनी पेंशन को पूरा कर सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं. साइकिल यात्रा आज हमारे यहां पहुंची है और हमने स्वागत किया है. हमें बड़ा गर्व हो रहा है कि हमें इनको होस्ट करने का मौका मिला है. आगे साइकिल यात्रा ग्वालियर की ओर जाएगी.
ये भी पढ़ें: 'मुंह पर तकिया रख अब्बू ने अम्मी को मार डाला', 5 साल के मासूम ने खोला हत्यारे पिता का राज